राकेश ने लिखा गौड़ ब्राह्मण का इतिहास
जागरण संवाददाता, नारनौल : एक शताब्दी तक कार्यरत रहकर जनकल्याण एवं समाज के उत्थान के लिए कार्य करना स
जागरण संवाददाता, नारनौल : एक शताब्दी तक कार्यरत रहकर जनकल्याण एवं समाज के उत्थान के लिए कार्य करना सौभाग्य की बात है। मैं अपने आपको भाग्यशाली समझता हूं कि राकेश महता एडवोकेट द्वारा लिखित पुस्तक 'भारतीय संस्कृति एवं गौड़ ब्राह्मण' का विमोचन करने का सौभाग्य मिला व इस एतिहासिक पल का साक्षी बनने का गौरव महसूस मिला। यह बात राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश व पंजाब के लोकपाल सतीश कुमार मित्तल ने सोमवार सायं एक होटल में पुस्तक विमोचित करने के बाद उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहे।
मित्तल ने कहा कि इस पुस्तक में प्रस्तुत सामग्री पाठकों को सृष्टि रचना काल के समय से ब्राह्मण उत्पत्ति, ब्राह्मणों के भेद एवं लक्षण और शिष्टाचार, गौड़ ब्राह्मण समाज के गौत्र प्रवर्तक ऋषिगणों का परिचय, गौत्र एवं शासनावली और प्रवर सूची, वैदिक साहित्य के स्त्रोत, वेद पुराण आदि से परिचय, भारतीय संस्कृति में ब्राह्मण समाज का योगदान, भगवान विष्णु के प्रथम मानव अवतार के रूप में अवतरित भगवान परशुराम का संक्षिप्त जीवन परिचय, गौड़ ब्राह्मणों का अनुशीलन, ब्राह्मणों के देशीय भेद के रूप में गौड़ ब्राह्मण आदि अनेक लोक कल्याणकारी एवं धार्मिक जानकारियां उपलब्ध कराती है। उन्होंने कहा कि राकेश महता बधाई के पात्र हैं जिन्होंने वकालत के व्यस्त समय में से समय निकालकर इस पुस्तक के माध्यम से धार्मिक एवं सामाजिक ज्ञान मनुष्य के जीवन को प्रगति के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया है। इस पुस्तक के द्वारा भारतीय संस्कृति में गौड़ ब्राह्मण का 953 वर्ष का इतिहास लिखने का कार्य किया गया है।
इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके ¨सघल ने कहा कि साहित्य मनुष्य के दोस्त हैं। इनके लिखने और पढ़ने से मनुष्य के ज्ञान में वृद्धि होती है तथा उसका सही दिशा में चलने का रास्ता मिलता है। पूर्व मंत्री कैलाश शर्मा ने स्टेज पर रागिनी नाच कै कै दोष बतावे, थो आंकल की होशियारी रागिनी गायक ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूर्व विधायक राधेश्याम शर्मा ने कहा कि उन्होंने भी राजनीति के साथ-साथ जीवन में अनेक पुस्तक लिखी हैं। मनुष्य को भी अपनी सोच व ज्ञान को बढ़ाने के लिए पुस्तक का मंचन करना चाहिए।
इस अवसर पर राकेश महता एडवोकेट ने कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों के साथ-साथ लोगों का आभार जताते हुए पुस्तक के लिए इतिहास ढूंढने में सहयोग करने वालों का भी आभार व्यक्त किया। बाल्यकाल से ही उनके दिमाग में यह बात चल पड़ी थी कि भारतीय संस्कृति में ब्राह्मण सभा के पूरे किरदार को संक्षिप्त एक पुस्तक में प्रकाशित कर लोगों को जागरूक करें।
इस मौके पर जिला न्यायालय के सभी न्यायाधीश, हरियाणा एग्रो के चेयरमैन गोविन्द भारद्वाज, मुसद्दीलाल भारद्वाज, देवदत्त शास्त्री, गो¨बद भारद्वाज, शिव कुमार महता, गजानंद कौशिक, अर्जुनलाल शर्मा, गोपालशरण गर्ग, प्रेमचंद गुप्ता, मदनलाल शर्मा, बनवारीलाल शर्मा, मनीष वशिष्ठ, बलवंत ¨सह यादव, जशमेश यादव सहित काफी लोग मौजूद थे।
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