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    एक्स-रे मशीन को तरस रहे जिले के पशु पालक

    By Edited By:
    Updated: Sun, 29 Nov 2015 07:42 PM (IST)

    राजकुमार, नारनौल : महेन्द्रगढ़ भले ही कृषि प्रधान जिला है और यहां के लोग खासकर किसान कृषि के ...और पढ़ें

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    राजकुमार, नारनौल :

    महेन्द्रगढ़ भले ही कृषि प्रधान

    जिला है और यहां के लोग खासकर किसान कृषि के साथ पशुपालन को भी बड़े स्तर पर अपनाते रहे हैं। लेकिन आजादी के बाद से यहां पशुओं के लिए एक्स-रे मशीन की व्यवस्था नहीं हो पाई है। जिसके चलते पशुपालकों को सौ से डेढ़ सौ दूर भिवानी या हिसार जाना पड़ता है ।

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    गौरतलब है कि जिले में पशुपालन का व्यवसाय भी बड़े स्तर पर किया जाता है। ऐसे में पशुओं की हड्डी टूट जाने पर एक्स-रे मशीन न होने के चलते डॉक्टर तुक्केमार इलाज करते हैं। जिसके चलते पशुओं की टूटी हड्डी नहीं जुड़ पाती और बेजुवानों को तकलीफ उठानी पड़ती है। चोट लगे पशु को बाहर ले जाना तकलीफ देय होता है वहीं इसका खर्च भी ज्यादा आता है।

    इस समय जिला महेंद्रगढ़ में पशुओं की संख्या करीब 2 लाख 30 हजार 929 है, जिसमें एक लाख 19 हजार 941 भैंस, 26 हजार 280 गाय तथा 84 हजार 708 अन्य पशु शामिल हैं।

    इस संदर्भ में पशु पालक रामनिवास ने बताया कि उसकी भैंस का गड्ढे में गिरने से पैर टूट गया था। भैंस को लेकर वे अस्पताल भी गए, लेकिन वहां पर एक्स-रे मशीन नहीं होने पर चिकित्सकों ने भैंस को रेफर कर दिया। भिवानी आने-जाने पर उसका हजारों रुपये खर्च हो गया तथा उसे इस दौरान भारी परेशानी भी भुगतनी पड़ी। इसी प्रकार पूर्व प्राचार्य डा. रवींद्र राव ने बताया कि उसके कुत्ते के पैर में चोट लग गई थी। जब वे कुत्ते को इलाज के लिए नारनौल के पशु अस्पताल ले गए तो चिकित्सकों ने एक्स-रे का परामर्श दे दिया, लेकिन वहां एक्स-रे की सुविधा नहीं थी। इस कारण उसे भारी परेशानी हुई।

    क्यों नहीं मिल पाई एक्स-रे मशीन :

    एक्स-रे मशीन के लिए रेडियोग्राफर होना जरूरी है। जिला महेंद्रगढ़ में इस समय कोई भी रेडियोग्राफर सरकारी पशु अस्पतालों में कार्यरत नहीं हैं। यह हालत प्रदेश के अन्य जिलों में भी है। साथ ही एक्स-रे मशीन के लिए एटोमिक एनर्जी विज्ञान विभाग इंडिया की अनुमति भी अनिवार्य है। पद भरा नहीं होने के कारण विज्ञान विभाग ने पहले पद सृजित कर उसे भरने की शर्त लगा दी और अनुमति नहीं दी।

    ''एक्स-रे मशीन से पहले पद भरा जाना अनिवार्य है। इसके लिए निदेशक पशुपालन विभाग को कई बार लिखा जा चुका है, लेकिन अब तक एक्स-रे स्पेशलिस्ट एवं मशीन नहीं मिल पाई है। जैसे ही मिलेंगे, सेवा चालू कर दी जाएगी।

    - डा. राम अवतार, उपमंडल अधिकारी, पशु पालन एवं डेयरी विभाग, नारनौल।