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    सीता स्वयंवर में पधारे कई देश के राजा

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    Updated: Tue, 13 Oct 2015 04:33 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, नारनौल : श्री धार्मिक रामलीला चांदूवाड़ा के रंगमंच पर सोमवार रात धनुष यज्ञ, सीत

    जागरण संवाददाता, नारनौल :

    श्री धार्मिक रामलीला चांदूवाड़ा के रंगमंच पर सोमवार रात धनुष यज्ञ, सीता स्वयंवर, रावण-बाणासुर संवाद तथा लक्ष्मण परशुराम संवाद का मंचन किया गया। रंगमंच का पर्दा उठने के बाद महाराज जनक का दरबार सजा हुआ था और धनुष यज्ञ की तैयारी हो रही थी। सीता स्वयंवर में अनेक देशों के राजागण पधारे थे। इस अवसर पर महर्षि विश्वामित्र राम-लक्ष्मण के साथ यज्ञशाला में प्रवेश करते हैं। सभी राजा व दरबार में उपस्थित लोग राम-लक्ष्मण को देखकर अपनी-अपनी भावनाओं के अनुसार उनका दर्शन करते हैं। सीता स्वयंवर में सभी राजागण धनुष नहीं उठा सके यहां तक कि रावण बाणासुर जैसे योद्धा भी शिव धनुष को हिला तक न सके। इस अवसर पर रावण बाणासुर संवाद बड़े जोशीले और मर्म‌र्स्पशी थे जो दर्शकों का भरपूर मनोरंजन कर रहे थे।

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    जब सभी राजा शिव धनुष के समक्ष शक्तिहीन हो गए तब महर्षि विश्वामित्र ने राम से कहा-उठहुॅ राम भंजहु भव चापा। मेटहु तात जनक परितापा, और जब राम ने शिव धनुष तोड़ा तो रंगमंच पर इतने जोरदार पटखों की आवाज हुई कि मानों धरती हिल गई हो। धनुष टूटते ही रंगमंच पर भगवान परशुराम का आगमन होता है और वे क्रोधित होकर बैठै सभी राजाओं पर कोड़े बरसाते हैं। इसके बाद लक्ष्मण परशुराम के जोशीले संवाद सुनकर दर्शकों की स्थिति भी विचित्र बन जाती है। शुभम ने राम के अभिनय में और रमन शर्मा ने लक्ष्मण के अभिनय से दर्शकों से खूब जयकारे लगवाए। इसके अलावा रावण बने विशाल हरित, बाणासुर नवीन कुमार तथा परशुराम के अभिनय में बलवंत सैनी ने सुंदर अभिनय किया। वहीं दूसरी ओर श्रीनारायण सेवा समिति के तत्वावधान में श्रीकृष्णा ड्रामेटिक क्लब नई मंडी के मंच पर सोमवार रात राम जन्म, ताड़का वध तथा सुभाऊ, मारीछ आदि लीलाओं का मनोहारी मंचन किया गया।

    पृथ्वी पर राक्षसों के अत्याचार बढ़ने पर सभी ऋषि-मुनियों ने प्रार्थना की तब भगवान राम ने मानव रूप में धरती पर अवतार लिया। राम जन्म की लीला के बाद विश्वामित्र जी राक्षसों से छुटकारा पाने के लिए राम-लक्ष्मण को अपने साथ ले जाते हैं और वहां भगवान राम ताड़का राक्षसी का वध कर ऋषियों की रक्षा करते हैं। रामलीला में राम का अभिनय हार्दिक गर्ग, लक्ष्मण का पार्थ कंछल, भरत का हर्ष शर्मा, शत्रुघ्न का कपिल गर्ग, ताड़का का वेदप्रकाश सैनी, विश्वामित्र का रघुबीर सैनी तथा वशिष्ठ मुनि का मनोज निर्मल ने सुंदर अभिनय किया।