दौंगड़ा अहीर के ग्रामीणों को जगी विकास की उम्मीद
फोटो नं 22 जागरण संवाददाता, नारनौल : सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत महेन्द्रगढ़-भिवानी के सांसद ...और पढ़ें

फोटो नं 22
जागरण संवाददाता, नारनौल : सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत महेन्द्रगढ़-भिवानी के सांसद चौधरी धर्मवीर ¨सह ने गांव दौंगड़ा अहीर को चुना। महेंद्रगढ़ में पड़ने वाले इस गांव की अहीर बाहुल्य गांव है। 75 फीसद ग्रामीणों की रोजीरोटी कृषि से जुड़ी हुई है।
ग्रामीणों के अनुसार लगभग 800 वर्ष पूर्व इसी जिले के गांव पाथेड़ा से लोहट नाम के अहीर जाति के एक व्यक्ति ने यहां आकर डेरा डाला था। लोहट के 12 पुत्र हुए, जिनमें उसके सबसे बड़े बेटे का नाम दुग्गड़ था। उसी के नाम पर इस गांव का नाम दौंगड़ा अहीर पड़ा। जिला मुख्यालय से करीब 23 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम दौंगड़ा अहीर बाहुल्य गांव है तथा यहां के करीब 70 फीसद लोग कृषि पर निर्भर करते हैं। सन 1982 में हरियाणा सरकार ने इसे आदर्श गांव घोषित किया था, किन्तु तब इसका अपेक्षित विकास नहीं हुआ, सरकार इस पर पुन: ध्यान केंद्रित कर रही है। यह गांव पहले से ही शिक्षा में अग्रणी रहा है। जिसके कारण आजादी से पहले 45 गांवों की जेलदारी रही है। शिक्षा की वजह से ही लगभग 150 ग्रामवासी अध्यापन से जुड़े हुए हैं। ¨सचाई के साधन मुख्यत: ट्यूबवेल व नहर हैं। धरातल का पानी खारा होने के कारण पैदावर कम होती है। ग्रामीण पंचायतों ने सामाजिक सरोकारों की पूर्ति के लिए गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत विशेष स्वच्छता अभियान चलाया। बेटी बचाओ कार्यक्रम आयोजित किया। एसजीटी गुड़गांव की संस्थान द्वारा हेल्थ कैंप लगाया गया। गांव के मुख्यत: पुस्तकालय युक्त आर्य समाज मंदिर, कम्यूनिटी सेंटर, बोहरा जी वाली धर्मशाला, बाबा रुपदास मंदिर, बाबा परमानंद मंदिर एवं सीताराम मंदिर शामिल हैं।
गांव में शैक्षिक स्थिति काफी मजबूत है। कहने को तो यहां बारहवीं कक्षा तक का स्कूल है, लेकिन यहां की माटी से वैज्ञानिक भी निकले हैं। वैज्ञानिक भोलाराम एनडीआरआइ करनाल में डायरेक्टर पद पर सेवाएं दे रहे हैं। कृषि वैज्ञानिक आरके यादव भी वैज्ञानिक पद पर सेवाएं दे रहे हैं। गांव में अध्यापकों एवं सैनिकों की पूरी फौज खड़ी है।
गांव में 268 परिवार बीपीएल हैं, जबकि 554 परिवार एपीएल योजना में शामिल हैं। गांव में 225 बेरोजगारो के नरेगा के तहत जॉब कार्ड बने हुए हैं। 252 लोगों को बुढ़ापा पेंशन मिलती है। 81 विधवा महिलाएं हैं। 20 विकलांग हैं, जबकि दो स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं। एक युवा क्लब बना हुआ है। यह जन्म दर 9.2 फीसद है, जबकि मृत्यु दर 5.6 फीसद है।

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