विघ्नहर्ता गणेश जी का दस दिवसीय जन्मोत्सव आज से आरंभ
कुरुक्षेत्र। विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहे जाने वाले भगवान श्री गणेश का जन्मोत्सव आज देशभर में मनाया जाएगा।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहे जाने वाले भगवान श्री गणेश का जन्मोत्सव आज देशभर में मनाया जाएगा। इसे विनायक चतुर्थी, कलंक चतुर्थी और डंडा चतुर्थी आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है। हिदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है, इसलिए किसी भी शुभ काम को करने से पहले उनकी पूजा की जाती है। माना जाता है कि ऐसा करने से शुरू किया गया काम बिना किसी रुकावट के संपन्न होता है।
हिदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणेश का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन गणेश चतुर्थी का पर्व मनाते हैं। गणेश चतुर्थी का पर्व दस दिनों तक चलता है, दसवें दिन अनंत चतुर्दशी के साथ इस पर्व की समाप्ति होती है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी के विसर्जन के बाद इस दस दिवसीय त्योहार का विसर्जन होता है। सप्ताह में बुधवार के दिन को गणेश जी की पूजा के लिए खास माना जाता है।
गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त और समय
गणेश पूजन के लिए मध्याह्न मुहूर्त : 11:05:43 से 13:41:30 तक
अवधि 2 घंटे 35 मिनट
समय जब चन्द्र दर्शन नहीं करना है सुबह : 9:07:00 से रात 21:25:00 तक
गणेश चतुर्थी के दिन क्यों निषेध है चंद्र दर्शन
डा. रामराज कौशिक ने बताया कि ऐसी माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए, नहीं तो व्यक्ति के ऊपर मिथ्या कलंक यानि बिना किसी वजह से व्यक्ति पर कोई झूठा आरोप लगता है। पुराणों के अनुसार एक बार भगवान कृष्ण ने भी गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन किया था, जिसकी वजह से उन्हें भी मिथ्या का शिकार होना पड़ा था। गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन को लेकर एक और पौराणिक मत है। जिसके अनुसार इस चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था। इस वजह से ही चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन को निषेध माना गया।