आपदा को अवसर में बदल तेल को दी धार
कोविड 19 के दौर में चावल सप्लाई के काम मंदा होने पर धर्मनगरी के मुनीष ने खाद्य तेल का नया व्यवसाय शुरू कर जिदगी के साथ तेल को भी नई धार दी है। आपदा के आने पर रोजगार छिन जाने के बाद मुनीष ने आपदा को अवसर में बदला और सरसों के साथ तिल बादाम कलौंजी अलसी और अखरोट का तेल निकालने का काम शुरू किया।

विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र
कोविड 19 के दौर में चावल सप्लाई के काम मंदा होने पर धर्मनगरी के मुनीष ने खाद्य तेल का नया व्यवसाय शुरू कर जिदगी के साथ तेल को भी नई धार दी है। आपदा के आने पर रोजगार छिन जाने के बाद मुनीष ने आपदा को अवसर में बदला और सरसों के साथ तिल, बादाम, कलौंजी, अलसी और अखरोट का तेल निकालने का काम शुरू किया। शुरुआत में केवल अपने आस-पास की कालोनियों में सप्लाई दी। अब जिला भर में खाद्य तेल के साथ-साथ स्वयं अनाज खरीद कर मल्टी ग्रेन आटा और मसाले भी तैयार कर रहे हैं। इससे अब मुनीष को अच्छी आय होने लगी है। अब मुनीष से अपने साथ करीब पांच कर्मचारियों को भी काम दे रखा है। बड़े शहर की बजाय छोटे शहर में ही काम को प्राथमिकता
कोरोना काल में बीमारियों से बचाव को शुद्ध खाद्य पदार्थों और खाद्य तेलों के प्रयोग की हिदायतों को देखते हुए मुनीष ने इसी ओर ध्यान दिया। उसने बड़े शहर में काम करने की बजाय छोटे शहर में ही काम शुरू किया। वोकल से लोकल के मंत्र को अपनाते हुए मुनीष ने साथ लगते गांवों से ही सीधे किसानों के घरों से सरसों खरीद कर उसका तेल निकालना शुरू किया। सरसों का तेल लेने के लिए लोग उसकी दुकान पर पहुंचने लगे और अपने सामने ही सरसों से तेल निकलवाकर ले जाने लगे। इसकी शुद्धता देख ग्राहक बढ़ने लगे तो गेहूं, चना, जौ, मक्की, बाजरा व अन्य अनाज खरीद कर मल्टी ग्रेन आटा भी बनाना शुरू कर दिया। इसके बाद लोगों की मांग को देखते हुए हल्दी, लाल मीर्च, धनिया सहित अन्य मसाले खरीदकर उन्हें सुखाकर पैकिग करनी शुरू कर दी। अब लोग मुनीष की दुकान से खाद्य तेल के साथ-साथ, आटा और मसाले भी खरीद रहे हैं। कोरोना के इस दौर में लोगों को उसके मसालों की शुद्धता खूब भा रही है। शहर में हो रही बिक्री
मुनीष ने बताया कि वह यहीं से अनाज व अन्य मसाले खरीदते हैं। इसके बाद ग्राहक के सामने ही तेल निकाल कर देते हैं। इस काम के लिए उन्होंने पांच अन्य कर्मचारियों को भी काम दिया है। लोग शुद्धता को पसंद कर रहे हैं। उनका मकसद भी अपने शहरवासियों को शुद्ध खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाना ही है। इससे लोग बीमारियों से बचे रहेंगे और आस-पास के लोगों को काम भी मिलेगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।