स्लिप डिस्क से परेशान गुलजार को आयुर्वेदिक थैरेपी से मिला आराम
स्लिप डिस्क के जिन मरीजों को चिकित्सक आपरेशन करने की सलाह दे रहे हैं वे श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में आकर आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक हो रहे हैं।

-चिकित्सकों ने दे दी थी सर्जरी की सलाह, आयुर्वेदिक दवाओं से तीन माह में हुआ ठीक जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : स्लिप डिस्क के जिन मरीजों को चिकित्सक आपरेशन करने की सलाह दे रहे हैं, वे श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में आकर आयुर्वेदिक दवाओं से ठीक हो रहे हैं। लाडवा के गांव खेड़ी निवासी गुलजार की रीढ़ की हड्डी के कैनाल का डायामीटर सिकुड़ कर महज एक एमएम रह गया था। इस खतरनाक स्टेज पर चिकित्सकों ने उसे भी आपरेशन कराने की सलाह दे दी थी। मगर आयुर्वेदिक दवाओं से गुलजार न केवल ठीक हुआ बल्कि अब वह उठने-बैठने और खुद चलने लगा है।
गुलजार ने बताया कि रीढ़ की हड्डी में दर्द के चलते वह ऐसी स्थिति में पहुंच चुका था, जिसमें सौ प्रतिशत चिकित्सकों द्वारा आपरेशन कराने की सलाह दी थी। मगर वह पंचकर्म विशेषज्ञ डा. राजा सिगला के पास इलाज करवाने पहुंचा। तीन महीने के अंतराल में दो बार पंचकर्म थेरेपी के साथ-साथ आयुर्वेदिक औषधियों से उपचार किया गया। गुलजार ने आरोप लगाया कि पहली ही पंचकर्म थेरेपी के बाद गुलजार ठीक से उठने-बैठने लगा। अब वह बीना सहारे के चल-फिर रहा है।
आयुर्वेदिक उपचार से हुआ ठीक : गुलजार
लाडवा के गांव खेड़ी निवासी गुलजार ने बताया कि साल 2021 में मार्च महीने में काम से घर लौटने पर अचानक कमर में दर्द उभरने लगा, जो असहनीय था। स्वजनों ने शहर के हड्डी के चिकित्सक पर दाखिल करवा दिया। कुछ दिन इलाज चला मगर कोई फायदा नहीं हुआ। स्थिति सुधरने के बजाय बिगड़ती ही जा रही थी। इसके बाद चंडीगढ़ में एक चिकित्सक से इलाज चला। कुछ दिन आराम रहने के बाद दोबारा से कमर में दर्द शुरू हो गया। अंत में चिकित्सक द्वारा सर्जरी कराने की सलाह दी गई। मगर किसी परिचित से डा. राजा सिगला के बारे में पता चला। उनके द्वारा दी गई पंचकर्म थेरेपी और दवाओं के सेवन से खुद चल-फिर सकता हूं।
पंचकर्म चिकित्सा से गुलजार हुआ ठीक : डा. राजा सिगला
डा. राजा सिगला ने बताया लाड़वा के गांव खेड़ी निवासी गुलजार दिसंबर माह में श्रीकृष्णा राजकीय अस्पताल में इलाज के लिए आए थे। एमआरआइ की रिपोर्ट के आधार पर गुलजार को स्लिप डिस्क की बीमारी थी, जिसमें रीढ़ की हड्डी के कैनाल का डायामीटर सिकुड़ कर एक एमएम तक रह गया था। ऐसी स्थिति में रोगी के पीठ में एक तरफ दर्द और सुन्नपन, दर्द पीठ से पैरों की ओर जाता है। देर तक खड़े होने व बैठे रहने से दर्द बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि गुलजार का आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज चलाया गया। पंचकर्म चिकित्सा, कषाय और तेल युक्त बस्तियां दी गई। आयुर्वेदिक द्रव्यों से साधित औषधि लेने से आज वह बिल्कुल ठीक है।
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