शिव का अर्थ ही है कल्याणप्रदाता : महंत जगन्नाथ पुरी
फोटो संख्या 29 -श्रीमार्कंडेश्वर महदेव मंदिर में सावन महीने में शिव पुराण कथा जागरण

फोटो संख्या : 29 -श्रीमार्कंडेश्वर महदेव मंदिर में सावन महीने में शिव पुराण कथा जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
ठसका मीरां जी स्थित मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में शिव पुराण की कथा का शिव भक्त बड़ी ही आस्था एवं श्रद्धा से आनंद ले रहे हैं। शनिवार को देवकी नंदन आहूजा, मधु आहूजा एवं सोनिया ने व्यासपीठ पर पूजन किया एवं संतों का सम्मान किया। कथा प्रारंभ से पूर्व अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि शिवपुराण एक प्रमुख पुराण है, जिसमें परब्रह्मा परमेश्वर के शिव कल्याणकारी स्वरूप का तात्विक विवेचन, रहस्य, महिमा एवं उपासना का सुविस्तृत वर्णन है। भगवान शिवमात्र पौराणिक देवता ही नहीं, अपितु वे पंचदेवों में प्रधान, अनादि सिद्ध परमेश्वर हैं। वेदों ने इस परमतत्व को अव्यक्त, अजन्मा, सबका कारण, पालक एवं संहारक कहकर उनका गुणगान किया है। उन्होंने बताया कि श्रुतियों ने सदा शिव को स्वयंभू, शांत, प्रपंचातीत, परात्पर, परमतत्व, ईश्वर के भी परम महेश्वर कहकर स्तुति की है। शिव का अर्थ ही है, कल्याणस्वरूप और कल्याणप्रदाता। इस पुराण के अनुसार यह पुराण परम उत्तम शास्त्र है।
शिव पुराण सुनने से पापों से मुक्ति
व्यासपीठ पर विराजमान पंडित भारत भूषण ने कहा कि शिव भक्ति पाकर श्रेष्ठतम स्थिति में पहुंचा हुआ मनुष्य शीघ्र ही शिवपद को प्राप्त कर लेता है। इसलिए संपूर्ण यत्न करके मनुष्यों ने इस पुराण को पढ़ने की इच्छा की है। भगवान शिव के इस पुराण को सुनने से मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाता है। इस अवसर पर स्वामी संतोषानंद, स्वामी सीताराम, कपिल शर्मा, रवि शर्मा, मुकुल गोस्वामी, मयूर गिरि एवं बिल्लू पुजारी मौजूद रहे।
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