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    मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जीवन मूल्य समस्त समस्याओं का हल : माधवाचार्य

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 23 Jun 2022 05:58 PM (IST)

    भगवान श्रीराम पूर्णिमा के चंद्रमा की किरणों के समान सबको शीतलता और सुख देने वाले हैं। श्रीराम क्षमा दया और दम लताओं के मंडप हैं। ...और पढ़ें

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    मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जीवन मूल्य समस्त समस्याओं का हल : माधवाचार्य

    जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : भगवान श्रीराम पूर्णिमा के चंद्रमा की किरणों के समान सबको शीतलता और सुख देने वाले हैं। श्रीराम क्षमा, दया और दम लताओं के मंडप हैं। संसार भी भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम मानता है। वे एक आदर्श भाई, आदर्श स्वामी और प्रजा के लिए नीति कुशल व न्यायप्रिय राजा हैं। भगवान श्रीराम का रामराज्य जगत प्रसिद्ध है। हिदू सनातन संस्कृति में भगवान श्रीराम का आदर्श शासन ही रामराज्य के नाम से प्रसिद्ध है। यह बात कर्नाटक के उडुप्पी स्थित पेजावर मठ के पीठाधीश्वर एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ, अयोध्या के सदस्य जगतगुरु माधवाचार्य विश्व प्रसन्न तीर्थ ने मातृभूमि सेवा मिशन आश्रम परिसर में आयोजित अभिनंदन समारोह में व्यक्त किए।

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    माधवाचार्य विश्वप्रसन्न तीर्थ ने कहा कि मातृभूमि सेवा मिशन के समस्त सेवा प्रकल्प लोकसेवा क पर्याय है। यहां भारतमाता की सेवा हो रही है और यही देशभक्ति है, यही मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन का संदेश है। प्रभु रामचंद्र का जीवन सबको प्रेरणा देने वाला है। भारतीय जनमानस में राम का स्थान अटल होने का यही कारण है। राम हमारे जीवन के असाध्य गुणों के पूर्णत्व का दर्शन है। जो भी मंगल है, उदात्त है, सुंदर और मधुर है उन सबकी श्रीराम में उपस्थिति की अनुभूति भारतीय जनमानस करता है।

    देश के समक्ष अनेक चुनौतियां

    उन्होंने कहा कि आज भारत के समक्ष अनेक चुनौतियां हैं। भारत सदैव विश्व मंगल का उपासक रहा है। आज मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के जीवन मूल्य ही वर्तमान विश्व की समस्त समस्याओं का हल है। श्रीराम तीर्थ ट्रस्ट एवं समस्त देशवासियों के सहयोग से अयोध्या में निर्माणाधीन भगवान श्रीराम मंदिर आने वाले समय में भारत के धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक जागरण व राष्ट्र गौरव का प्रतीक बनेगा। इस मौके पर समाजसेवी जसबीर बाहरी, कुरुक्षेत्र संस्कृत वेद विद्यालय के आचार्य नरेश कौशिक, गुरप्रीत सिंह व बाबू राम मौजूद रहे।