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    कुवि में दो साल ही चला था आर्ट एंड क्राफ्ट का डिप्लोमा, वर्ष 2006 में कर दिया बंद

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 25 Nov 2021 06:20 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक मामले में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय की ओर से करवाए गए आर्ट एंड क्राफ्ट डिप्लोमा मामले में फैसला आने के बाद वीरवार को दिन भर कुवि परिसर में चर्चाओं का दौर चलता रहा।

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    कुवि में दो साल ही चला था आर्ट एंड क्राफ्ट का डिप्लोमा, वर्ष 2006 में कर दिया बंद

    -सुप्रीम कोर्ट ने दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय से किए गए आर्ट एंड क्राफ्ट के डिप्लोमा को भर्तियों के लिए अमान्य कर दिया

    जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक मामले में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय की ओर से करवाए गए आर्ट एंड क्राफ्ट डिप्लोमा मामले में फैसला आने के बाद वीरवार को दिन भर कुवि परिसर में चर्चाओं का दौर चलता रहा। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय से किए गए आर्ट एंड क्राफ्ट के डिप्लोमा को भर्तियों के लिए अमान्य कर दिया है। अदालत की ओर से यह फैसला बुधवार को ही लिया गया। हालांकि अभी कुवि दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय की ओर से आर्ट एंड क्राफ्ट का डिप्लोमा नहीं करवाया जा रहा। निदेशालय की ओर से यह डिप्लोमा साल 2003-04 से ही शुरू किया गया था और 2005 के बाद इसे बंद कर दिया गया था। उस समय इस कोर्स में चार हजार से अधिक विद्यार्थियों ने दाखिला लिया था। इन्हीं में से कई विद्यार्थियों को आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षक की नौकरी मिली थी।

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    उन्हीं दिनों बंद कर दिए थे स्टडी सेंटर

    इससे पहले कुवि की ओर से कुछ स्टडी सेंटरों को संबद्धता दी गई थी। आर्ट एंड क्राफ्ट के लिए भी अंबाला में एक एजेंसी को सेंटर दिया गया था। इसी सेंटर के तहत दूरवर्ती शिक्षा निदेशालय में दाखिले दिए गए थे। इसके बाद कुवि ने स्टडी सेंटर बंद कर सीधे निदेशालय में ही दाखिला फार्म लेना शुरू कर दिए थे। इसी के साथ प्रदेश भर में खुले अन्य कई स्टडी सेंटरों को भी बंद कर दिया था।

    पूर्व विद्यार्थियों ने कई बार जुटाई जानकारियां

    इस मामले में कई साल पहले ही कई विद्यार्थियों की ओर से सूचना के अधिकार के तहत कई तरह की जानकारियां ली गई थी। कुवि की ओर से समय-समय पर इन्हें सभी तरह की जानकारियां उपलब्ध करवाई गई हैं। अब बुधवार को यह फैसला आने के बाद अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं।

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