रथयात्रा से ब्रह्ममयी बनी धर्मनगरी, गूंजे भगवान ब्रह्मा के जयकारे
धर्मनगरी में कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद भगवान श्री ब्रह्मा की रथयात्रा का भव्य आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने भगवान ब्रह्मा के रथ को खींच आशीर्वाद लिया और सर्व कल्याण की मन्नत मांगी।

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : धर्मनगरी में कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद भगवान श्री ब्रह्मा की रथयात्रा का भव्य आयोजन किया गया। श्रद्धालुओं ने भगवान ब्रह्मा के रथ को खींच आशीर्वाद लिया और सर्व कल्याण की मन्नत मांगी। धर्मनगरी में पूरा दिन भगवान ब्रह्मा जी के जयकारे गूंजे।
कार्तिक पूर्णिमा पर ब्रह्मा मंदिर जय ओंकार अंतरराष्ट्रीय सेवाश्रम संघ की ओर से भगवान श्री ब्रह्मा रथ यात्रा निकाली गई। संघ संस्थापक स्वामी शक्तिदेव महाराज व स्वामी संतोष ओंकार महाराज के सान्निध्य में रथयात्रा में कई प्रदेशों से श्रद्धालु धर्मनगरी पहुंचे। सुबह हवन किया गया। इसके बाद विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ भगवान श्री ब्रह्मा परिवार का दुग्धाभिषेक कर सुंदर वस्त्रों से सुसज्जित कर उन्हें शंख घड़ोल के साथ रथ पर स्थापित किया गया। आयोजन में दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने श्रद्धा के साथ हिस्सा लिया और रथ खींचा। संघ के अध्यक्ष स्वामी संदीप ओंकार के नेतृत्व में सभी ने भगवान श्री ब्रह्मा जी का रथ खींच कर और माथा टेककर सर्व कल्याण की मन्नतें मांगी। स्वामी शक्तिदेव महाराज ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा भगवान ब्रह्मा जी का विशेष दिवस है। इस दिन भगवान ब्रह्मा जी की रथ यात्रा निकालने का सतयुग से विधान है। उन्होंने कहा कि हमें इस पर्व पर विशेष रूप से शामिल होना चाहिए और भगवान ब्रह्मा के रथ के दर्शन करने चाहिए। इस अवसर पर जय ओंकार आश्रम के संचालक पंडित शिव नारायण दीक्षित, धर्म सिंह कौशिक, राजवीर, पंडित मांगेराम, एडवोकेट जय नारायण दीक्षित, संजीव कुमार मिर्जापुर, संजीव शर्मा, हरिराम शर्मा मौजूद रहे।
501 महिलाओं ने शीश पर धारण किया कलश
रथ यात्रा के दौरान परिवार की सुख समृद्धि के लिए शीश पर कलश धारण करने का भी विधान है। इस उद्देश्य के साथ 501 महिलाओं ने अपने शीश पर कलश धारण किया और रथ यात्रा के साथ चलते हुए धर्मनगरी की परिक्रमा की।
52 झांकियों में भगवान ब्रह्मा रथ रहा आकर्षण का केंद्र
रथ यात्रा में 52 झांकियों को शामिल किया गया। जिनमें भगवान ब्रह्मा रथ आकर्षण का केंद्र रहा। झांकियों में गो माता, भगवान ब्रह्मा परिवार, भगवान विष्णु के सभी अवतार, दुर्गा के नौ स्वरूप सहित अन्य झांकियां शामिल रही। इसके अलावा सपेरा बीन, आर्मी बैंड, ऊंट और घोड़ों ने भी झांकियों की शोभा बढ़ाई।
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