कुंडली मिलान के बावजूद बढ़ रहे तलाक केस से ज्योतिष विद्या पर उठे सवाल चिंतनीय
आजकल कुंडली मिलान के बाद भी तलाक के मामले बढ़ रहे हैं, जिससे ज्योतिष विद्या की प्रामाणिकता पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सामाजिक और आर्थिक बदलावों के कारण रिश्तों में जटिलताएँ बढ़ रही हैं। यह स्थिति ज्योतिष विद्या के जानकारों के लिए एक चुनौती है, और उन्हें इस पर विचार करने की आवश्यकता है कि क्या सुधार किए जा सकते हैं। यह एक गंभीर चिंता का विषय है।

मुख्यातिथि ज्योतिषाचार्य डा. एचएस रावत ब्रह्मसरोवर तट स्थित योग भवन में आयोजित ज्योतिष महाकुंभ में संबोधित करते हुए। l जागरण
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। ब्रह्मसरोवर तीर्थ स्थित योग भवन में शनिवार को शुरू हुए दो दिवसीय ज्योतिष महाकुंभ में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए ज्योतिषाचार्यों ने समाज में बढ़ रहे तलाक के केसों पर चिंता जताई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ज्योतिषाचार्य डा. एचएस रावत ने कहा कि कुंडली के मिलान के बावजूद पति-पत्नी में जो तलाक हो रहे हैं, उसके लिए ज्योतिष विज्ञान पर सवाल उठने लगे हैं,जो चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि कुंडली मिलान करते हुए सही सूत्रों को ध्यान में रखा जाना बेहद जरूरी है।
कुंडली मिलान करते हुए केवल गुण मिलान ही नहीं, बल्कि सप्तमेश का भी ध्यान रखना होता है। सप्तमेश का छठे, आठवें और 12वें भाव में जाने पर पार्टनर को मृत्यु तुल्य कष्ट या फिर तलाक की नौबत आने जैसे संकट खड़े होते हैं और इतनी गहराई से तीन माह का कोर्स कर तथाकथित ज्योतिष बनने वाले कभी नहीं बता सकते। ज्योतिषाचार्य चेतना ने कहा कि गणना करते हुए पुरुषों की कुंडली में शुक्र और महिलाओं की कुंडली में गुरु की स्थिति का भी ख्याल रखने की आवश्यकता होती है।
ज्योतिषी प्रणब ने कहा कि आजकल तीन माह का आनलाइन कोर्स करके परामर्श देने वाले ज्योतिषियों के कारण गलत प्रीडिक्शन किए जा रहे हैं, जिससे कुंडली का सही अध्ययन नहीं हो पाता। सम्मेलन में ज्योतिष कृपाराम उपाध्याय, राजेश शर्मा, प्रोमिला गुप्ता, तमिलनाडू से आए ज्योतिषी ने भी अपने विचार रखे। इससे पहले सम्मेलन के आयोजक श्रीवैदिक ज्योतिष अनुसंधान केंद्र संचालक डा. बृज मोहन भार्गव और श्रीजगन्नाथ ज्योतिष अनुसंधान केंद्र संचालक डा. अजय मिश्र ने मुख्य अतिथियों का कुरुक्षेत्र पहुंचने पर स्वागत किया।

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