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    सत्यनारायण भगवान और मां लक्ष्मी को समर्पित होती है पूर्णिमा तिथि : संत अगम पुरी

    राजेंद्र नगर स्थित श्रीअद्वैत स्वरूप अनंत आश्रम नंगली वाली कुटिया में पौष पूर्णिमा पर सत्संग का आयोजन किया गया। संत अगम पुरी ने कहा कि पूर्णिमा तिथि भगवान सत्यनारायण और मां लक्ष्मी को समर्पित होती है।

    By JagranEdited By: Updated: Mon, 17 Jan 2022 06:05 PM (IST)
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    सत्यनारायण भगवान और मां लक्ष्मी को समर्पित होती है पूर्णिमा तिथि : संत अगम पुरी

    फोटो-7 और 8 जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राजेंद्र नगर स्थित श्रीअद्वैत स्वरूप अनंत आश्रम नंगली वाली कुटिया में पौष पूर्णिमा पर सत्संग का आयोजन किया गया।

    संत अगम पुरी ने कहा कि पूर्णिमा तिथि भगवान सत्यनारायण और मां लक्ष्मी को समर्पित होती है। इस दिन श्रीहरि विष्णु व मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने और व्रत रखने से संकटों और दुखों का नाश होता है और जीवन में सुख शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

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    संत अगम पुरी ने कहा कि आज व्यक्ति अपने काम तक सिमटकर रह गया है। वह सुबह से देर रात तक काम में लगा रहता है। कुछ लोग तो रात को भी काम करते हैं। वे आध्यात्म से दूर रहते हैं। जबकि सत्संग में आने से व्यक्ति के मन और विचारों में बदलाव आता है। व्यक्ति को हर रोज सत्संग जरूर सुनना चाहिए। इससे उनका मन शांत होगा और वे कुछ सकारात्मक सोचना शुरू करेंगे। व्यक्ति को खान-पान के साथ अपने विचारों को भी शुद्ध करना चाहिए। विचारों में शुद्धता सत्संग से ही आती है। सत्संग में सद कर्म का संदेश देने के साथ उन्हें मानव की भलाई के कार्यों के प्रति प्रेरित किया जाता है। लोगों को इसमें आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का हर कदम मानव भलाई के लिए उठना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्रीअद्वैत आश्रम में हर रोज सत्संग किया जाता है। यहां संगत लगातार आती रहती है। सत्संग सुनने वाले व्यक्ति के व्यवहार भी सामान्य व्यक्ति से भिन्न होगा।

    संतों ने किया संगत का मार्गदर्शन

    सत्संग को आश्रम के संत निर्विकार पुरी, संत संतोष पुरी, संत अनुराग पुरी, संत वेदांत पुरी, संत परमार्थ पुरी कैथल, संत त्रिलोक पुरी, संत आत्म विभोर पुरी पिहोवा, संत माधव पुरी शाहाबाद, संत ज्ञान पुरी, संत आनंद पुरी, संत सहज पुरी, संत वीणा पुरी, आश्रम के प्रवक्ता महात्मा दिव्यानंद, संत गुरुशरणानंद, संत रामानंद, संत अधवेषानंद, संत गोपालानंद आदि ने संगत का मार्ग दर्शन किया। इस मौके पर अंकित शर्मा, गुलशन बजाज, गुलशन छाबड़ा, विनोद छाबड़ा, सुनील मेहता, राजेंद्र गाबा, शुभम सेतिया व डा. सुनील राजपाल लाडवा मौजूद रहे।