किसानों के हाईवे पर जाम लगाने को लेकर हाई कोर्ट सख्त, सरकार से कहा- 'हर हाल में खाली करवाएं रोड'
विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज कुरुक्षेत्र में नेशनल हाईवे-44 पर जाम लगा दिया। किसान नेताओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक हाईवे जाम रहेगा। अब इस मामले में हाई कोर्ट ने अहम आदेश दिया है।

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को बिना किसी बाधा के यातायात और आवाजाही के लिए खुला रखा जाए, ताकि जनता को असुविधा न हो। हालांकि, हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि जिस कारण से ऐसी स्थिति पैदा हुई है, उस विवाद को सुलझा लिया जाए ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े।
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह आदेश तुरंत लागू करने की जरूरत है, लेकिन इसमें सावधानी बरतने का ध्यान रखना होगा। मामला सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाया जाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि राज्य को बल प्रयोग का सहारा अंतिम विकल्प के रूप में लेना चाहिए और वह भी तब, जब प्रशासन के पास कोई अन्य रास्ता न हो।
नेशनल हाईवे पर जमे हुए हैं किसान
बता दें कि किसान राज्य सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सूरजमुखी की फसल की खरीद करने और फसल को भावांतर भरपाई योजना के तहत शामिल करने के अपने फैसले को वापस लेने की मांग के चलते राजमार्ग पर जमे हुए हैं। हाई कोर्ट में फिक्स टुडे के तहत अर्जी दायर कर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई थी।
गुरनाम चढूनी को नोटिस जारी
हाई कोर्ट की जस्टिस मंजरी नेहरू कौल व जस्टिस मनीषा बतरा की अवकाशकालीन बेंच ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी को नोटिस जारी कर सरकार से स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने कहा कि यह न्यायालय प्रतिवादियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी करना उचित समझता है कि नेशनल हाईवे-44 जो देश की जीवन रेखा है और भारत को जोड़ता है, बिना किसी बाधा के मुक्त प्रवाह और यातायात के आवागमन के लिए खुला रखा जाना चाहिए, ताकि जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
कोर्ट ने आगे कहा कि यह निर्देश बिना किसी और देरी के तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। हालांकि, साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाता है कि प्रशासन अत्यधिक संयम बरतेगा और अंतिम उपाय के रूप में मौके पर एकत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग करेगा।
कोर्ट ने उक्त निर्देशों के अनुपालन में उठाए गए कदमों के बारे में हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को निर्धारित तिथि पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया है। अर्जी में किसानों द्वारा एनएच 44 पर किसानों द्वारा लगाए गए अवरोध व नाकाबंदी को दूर करने के निर्देश देने की मांग की गई है।
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