मनुष्य जीवन में पांच मार्गों से आती है समस्याएं : प. विजय शंकर
भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण के बिना भारतीय संस्कृति की कोई कल्पना भी नहीं की जा सकती है। भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण भारतीय संस्कृति के ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण के बिना भारतीय संस्कृति की कोई कल्पना भी नहीं की जा सकती है। भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण भारतीय संस्कृति के दो आयाम हैं। अग्रवाल समाज भगवान श्री राम के वंशज हैं।
यह बात व्यासपीठ से कथावाचक प. विजय शंकर मेहता ने रेलवे रोड स्थित अग्रवाल धर्मशाला में अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन की ओर से आयोजित श्री अग्र-भागवत कथा का गुणगान करते कहे।
इससे पूर्व श्री अग्र-भागवत कथा के दूसरे दिन का शुभारंभ एसपी जेल करनाल अमित भादु, जीएम डिपो कैथल अजय गर्ग, डा. हिमांशु जैन ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान बाबा गुरविद्र सिंह, स्वामी ज्ञानेश्वर महाराज, महंत महेश मुनि व मेजर सिंह सहित अन्य संतों ने व्यासपीठ पर पूजन कर माल्यार्पण किया।
प. विजय शंकर मेहता ने श्री अग्र भागवत कथा को महाराजा अग्रसेन के माध्यम से आम आदमी के जीवन से जुडी कथा बताया। उन्होंने कहा कि जब मनुष्य जीवन में युद्ध अपनों से करना पड़े तो संघर्ष बढ़ जाता है। मनुष्य जीवन को पांच स्थितियों से गुजरना पड़ता है और मनुष्य जीवन में समस्याएं पांच मार्गों से ही आती हैं। उन्होंने अंतर्मन की चुप्पी रूपी मौन के महत्व बारे बताया। प्रत्येक मनुष्य में कोई न कोई बुराई है। इसे जानने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि महाभारत का युद्ध समाप्त होने पर भगवान श्रीकृष्ण ने महाराज अग्रसेन की अविचल युद्ध करने के लिए बहुत प्रशंसा की। इस मौके पर महेंद्र सिगला, खैराती लाल सिगला, अनूप सिगला, अजय गोयल, रामनिवास बंसल, सत्य नारायण सिगला, मित्रसेन गुप्ता, मनीष मित्तल, राजेश सिगला, सुशील कंसल, राजीव गर्ग, राज कुमार मित्तल, जंग बहादुर सिगला, कपिल मित्तल, सौरभ चौधरी, संजय गोयल व संतोष गुप्ता मौजूद रहे।

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