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    Kurukshetra News: डंकी रूट से अमेरिका पहुंचा युवक, दर्द भरी दास्तां लेकर लौटा भारत; वीडियो के जरिए बताई आपबीती

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 12:18 PM (IST)

    कुरुक्षेत्र के योगेश नामक युवक ने अमेरिका में बेहतर भविष्य का सपना देखा, जिसके लिए उसने 50 लाख रुपये खर्च किए। डंकी रूट के माध्यम से अमेरिका पहुंचने प ...और पढ़ें

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    डंकी रूट से अमेरिका पहुंचा युवक हुआ डिपोर्ट

    जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। सुनहरे भविष्य और डॉलर कमाने की चाहत में प्रदेश के युवा किस कदर जान जोखिम में डाल रहे हैं, इसकी एक रोंगटे खड़े कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। कुरुक्षेत्र के गांव उमरी का रहने वाला योगेश, जो करीब 50 लाख रुपये खर्च कर अवैध तरीके से डंकी रूट के जरिये अमेरिका पहुंचा था। वहां से डिपोर्ट होकर वापस तो लौट है। वह जिन सपनों को संजोकर अमेरिका पहुंचा, उनको बिना पूरा किए दर्द की दास्तां लेकर ही लौटा है।

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    वीडियो में कैद नरक जैसा सफर

    भारत आने के बाद योगेश ने अधिकारियों को कुछ वीडियो सौंपे, जिसे देखकर हर किसी के होश उड़ गए। योगेश द्वारा बनाए गए वीडियो में अवैध प्रवासियों की बेबसी साफ झलक रही है। वीडियो में दिख रहा है कि दर्जनों युवा घने जंगलों के बीच से गुजर रहे हैं। उनके पैरों में बड़े-बड़े छाले पड़े हैं और चारों ओर जहरीले कीड़े रेंग रहे हैं। थकान से चूर युवा सड़कों के किनारे जमीन पर लेटकर रात गुजारने को मजबूर हैं।

    महिलाएं-बच्चे भी झेल रहे कठिनाई

    एक अन्य वीडियो में देखा गया कि एक छोटे से कंटेनर में 40 से 50 लोगों को ठूंसा गया है, जहां वे 17 घंटों तक घुटने मोड़कर बैठे रहे। इस दौरान उनका सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। इतना ही नहीं, उफनती नदियों के बीच छोटी सी नाव में सवार महिलाएं और बच्चे भी मौत के इस खेल का हिस्सा बनते दिखे।

    50 लाख देकर भी होना पड़ा डिपोर्ट

    योगेश की कहानी जुलाई 2024 में शुरू हुई, जब करनाल के तीन एजेंटों ने उसे सरकारी एजेंट होने का झांसा देकर 50 लाख में अमेरिका भेजने का सौदा किया। सफर शुरू होते ही ठगी और प्रताड़ना का दौर शुरू हो गया। ब्राजील में उसे पुलिस कस्टडी में ले लिया गया, जहां से छुड़ाने के नाम पर एजेंटों ने फिर 15 लाख वसूले।

    एके-47 और पिस्टल से लैस थे डोंकर

    उसके अनुसार, सबसे खौफनाक मंजर पनामा के जंगलों का था। योगेश ने बताया कि वहां के डोंकर एके-47 और पिस्टल से लैस थे। पनामा पहुंचने पर एक डोंकर ने उसके सिर पर बंदूक तान दी और 32 लाख रुपये की मांग की। पैसे मिलने में देरी हुई तो उसे ग्रुप से अलग कर दो दिनों तक भूखा-प्यासा रखा गया। जंगल में कीचड़ और बारिश के बीच उसे सिर्फ एक वक्त उबले हुए चावल और प्यास बुझाने के लिए नदी-नालों का गंदा पानी मिलते था।

    आठ महीने की जेल और फिर डिपोर्ट

    इस नर्क जैसे 168 दिनों के सफर के बाद, 10 जनवरी 2025 को योगेश ने सीढ़ी की मदद से अमेरिका की दीवार लांघी, लेकिन वहां कदम रखते ही अमेरिकी सेना ने उसे हिरासत में ले लिया। बिना वैध दस्तावेजों के उसे करीब आठ महीने जेल में गुजारने पड़े, जहां उसे खाने में सिर्फ एक कटोरी उबले राजमा मिलते थे। आखिर में 11 सितंबर 2025 को उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया।

    पुलिस ने योगेश की शिकायत पर आरोपी एजेंटों के खिलाफ धोखाधड़ी और मानव तस्करी की धाराओं में मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।