मनुष्य की पहचान उसके कर्मों से होती : अनिल शास्त्री
गीता गायत्री सत्संग सेवा समिति के तत्वावधान में लोटस ग्रीन सिटी में तीसरे दिन श्रीमद्भगवद कथा ज्ञान महायज्ञ किया गया। समिति के संस्थापक अध्यक्ष व कथावाचक भागवत प्रवक्ता अनिल कुमार शास्त्री ने बताया कि मनुष्य की पहचान उसके कर्मों से ही होती है संसार एक नाट्यशाला है मनुष्य अपने पूर्व जन्म के कर्मों के माध्यम से इस भूमि पर अच्छे बुरे कर्म करता है।

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : गीता गायत्री सत्संग सेवा समिति के तत्वावधान में लोटस ग्रीन सिटी में तीसरे दिन श्रीमद्भगवद कथा ज्ञान महायज्ञ किया गया। समिति के संस्थापक अध्यक्ष व कथावाचक भागवत प्रवक्ता अनिल कुमार शास्त्री ने बताया कि मनुष्य की पहचान उसके कर्मों से ही होती है, संसार एक नाट्यशाला है, मनुष्य अपने पूर्व जन्म के कर्मों के माध्यम से इस भूमि पर अच्छे बुरे कर्म करता है, संसार में मनुष्य अच्छे कर्म को करके अपने कुल और खानदान का नाम रोशन करता है वहीं बुरे कर्म करके अपने व अपने कुल को बर्बाद कर देता है। अत: मनुष्य को सदा सत्कर्म के ऊपर ही चलना चाहिए। शास्त्री ने कहा कि जिस स्थान पर भागवत महापुराण की स्थापना होती है और कथा होती है उस स्थान पर भगवान विष्णु भगवान व उनके अनन्य भक्त स्वत: विराजमान रहते हैं। इतना ही नहीं जो मनुष्य भागवत महापुराण की पूजा अर्चना करते हैं उस घर में कलयुग का वास नहीं होता। इस दौरान राममूर्ति शर्मा, सौरभ चौधरी, डा. आनंद सिंह, राजेश शर्मा शिक्षक, डा. रिषी शर्मा, डा. नरेंद्र सिंह, सुरेश सैनी कुक्कू व राजीव मित्तल मौजूद रहे।
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