Kurukshetra News: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में बनेगा सिख संग्रहालय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे शिलान्यास
Kurukshetra Sikh Museum हरियाणा के कुरुक्षेत्र को धर्मनगरी के नाम से जाना जाता था। वैसे तो इस शहर में हिंदुओं की काफी आस्था है। लेकिन इस शहर का इतिहास सिख धर्म से भी जुड़ा हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब हरियाणा सरकार कुरुक्षेत्र में सिख संग्रहालय बनाने जा रही है। इसका शिलान्यास खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे। सरकार ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। धर्मनगरी की पवित्र धरा पर सिखों के सभी गुरुओं का आना हुआ है। अब इसी धरा पर सिख संग्रहालय बनाया जाएगा। इसके लिए जगह का चयन कर लिया गया है, बहुत जल्द मुख्यमंत्री मनोहर लाल इसका शिलान्यास कर सकते हैं। इतना ही नहीं, प्रदेश सरकार की ओर से शाहाबाद के बराड़ा रोड का नाम बाबा बंदा सिंह बहादुर के नाम पर रखा गया और करनाल में सिख गुरुओं के नाम से भव्य द्वार बनाए गए हैं।
यमुनानगर में 400 एकड़ भूमि में बाबा बंदा सिंह बहादुर को लेकर संग्रहालय और एक गतका एकेडमी का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। यह बात मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती ने कुरुक्षेत्र पहुंचे अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह के साथ लघु सचिवालय परिसर में हुई बैठक में बताई। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में बनने वाले संग्रहालय का जल्द मुख्यमंत्री मनोहर लाल शिलान्यास करेंगे।
'यह तो महज एक शुरुआत है'
अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने आमजन मानस के लिए 125 और अल्पसंख्यकों के लिए 12 सहित कुल 137 योजनाएं लागू की हैं। इन योजनाओं का लाभ प्रत्येक गांव तक पहुंचाना होगा। इसके लिए प्रशासन और संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के माध्यम से सिख समुदाय के 29 बड़े कार्यों को पूरा करवाया जा चुका है, यह तो महज एक शुरुआत है, अभी बहुत से कार्यों को पूरा करवाना है।
'पहले अल्पसंख्यक समुदाय को डरा कर रखा जाता था'
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के माध्यम से अल्पसंख्यकों को उनके अधिकारों के अनुसार लाभ दिया जा रहा है। अब से पहली सरकारों में अल्पसंख्यक समुदाय को डरा कर रखा जाता था और उनके लिए कोई भी योजना लागू नहीं की। समाज में अल्पसंख्यकों को लेकर जो भ्रांतियां थी, जो असमानता थी, जो भी विषय थे, उनको वर्तमान सरकार ने दूर करने का प्रयास किया। प्रशासन को अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का विभिन्न योजनाओं के लिए पंजीकरण करना होगा, मुसलमानों को कब्रिस्तान बनाने के लिए जगह देनी होगी और पंजाबी भाषा को विशेष तवज्जो देनी होगी।
उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय या फिर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से पंजाबी विषय पर एक सेमीनार का आयोजन करना चाहिए। इतना ही नहीं, अल्पसंख्यक समाज के लोगों को माइनॉरिटी सर्टिफिकेट बनवाना चाहिए, ताकि इसके आधार पर सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।
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