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    बेटियों को बचाकर नई मिसाल पेश करने वाला कुरुक्षेत्र लिंगानुपात में एक बार फिर से पिछड़ा, पढ़ें रिपोर्ट

    कुरुक्षेत्र के लिंगानुपात को बेहतर बनाने में डा. आरके सहाय का बड़ा हाथ रहा है। उन्होंने वर्ष 2016 में पीएनडीटी के जिला नोडल अधिकारी के तौर पर पदभार संभाला था। इसके बाद उनकी ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद लिंगानुपात लगातार बढ़ता चला गया।

    By Jagran NewsEdited By: Naveen DalalUpdated: Sun, 20 Nov 2022 10:15 AM (IST)
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    प्रदेश में नीचे से तीसरे नंबर पर कुरुक्षेत्र, 891 लिंगानुपात दर्ज किया गया जिले में।

    कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। बेटियों को बचाकर देश भर में नई मिसाल पेश करने वाला कुरुक्षेत्र लिंगानुपात में एक बार फिर से पिछड़ गया है। टाप फाइव में शामिल होने वाला कुरुक्षेत्र अब प्रदेश में बाटम थ्री जिलों में शामिल है। जिला नीचे से तीसरे नंबर पर है। इस साल दस माह की रिपोर्ट में जिले का लिंगानुपात 891 दर्ज किया गया है। जिले के लिंगानुपात में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इसी साल फरवरी माह तक जिला का लिंगानुपात 912 पर खड़ा था। मगर आठ ही महीनों में लिंगानुपात 900 से भी नीचे गिर गया है। यह स्थिति आज से छह साल पहले थी। उस समय जिले का लिंगानुपात 859 था। मगर वर्ष 2017 के बाद जिले का लिंगानुपात लगातार बढ़ता चला गया। वर्ष 2020 में तो जिले का लिंगानुपात 938 पर पहुंच गया था। मगर अब स्थिति एक बार फिर से चिंतित करने वाली बन गई है।

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    इस ग्राफ से समझिए कैसे गिरा, फिर बढ़ा और अब गिर रहा लिंगानुपात

    वर्ष लिंगानुपात

    2013 887

    2014 869

    2015 860

    2016 859

    2017 924

    2018 924

    2019 928

    2020 938

    2021 921

    2022 अब तक 891

    प्रदेश की लिस्ट में बाटम से तीसरे नंबर पर कुरुक्षेत्र

    नवंबर माह में जारी की सूची में अक्टूबर तक जिले का लिंगानुपात 891 दर्ज किया गया है, जबकि रेवाड़ी 874 के साथ 22 नंबर पर है, सोनीपत 890 पर है। वहीं अब जिले में 6837 लड़कों के पीछे 6092 लड़कियों ने जन्म लिया है।

    ढाई माह पहले डा. आरके सहाय हो चुके हैं सेवानिवृत्त, अब परामर्शदाता के तौर पर कर रहे काम

    जिले के लिंगानुपात को बेहतर बनाने में डा. आरके सहाय का बड़ा हाथ रहा है। उन्होंने वर्ष 2016 में पीएनडीटी के जिला नोडल अधिकारी के तौर पर पदभार संभाला था। इसके बाद उनकी ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद लिंगानुपात लगातार बढ़ता चला गया। इसके बाद जिले को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर भी सम्मान मिला। ढाई माह पहले डा. सहाय सेवानिवृत्त हो गए। हालांकि वह अभी भी एलएनजेपी अस्पताल में परामर्शदाता के पद पर कार्यरत हैं और स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं।