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    हरियाणा के कुरुक्षेत्र में उचाना के विधायक देवेंद्र अत्री की बुआ पर सांड का हमला, सींग से उठाकर पटका; हुई मौत

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 11:04 AM (IST)

    कुरुक्षेत्र में एक दुखद घटना में उचाना के विधायक देवेंद्र अत्री की बुआ कृष्णा देवी की सांड के हमले में मौत हो गई। 84 वर्षीय कृष्णा देवी घर के बाहर टहल रही थीं जब एक सांड ने उन्हें उठाकर पटक दिया जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। प्रदेश में इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं और कुरुक्षेत्र में 15 महीनों में यह दूसरी मौत है।

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    अपनी बुआ के साथ उचाना के विधायक देवेंद्र अत्री

    जागरण संवाददाता,  कुरुक्षेत्र/पानीपत। उचाना के विधायक देवेंद्र अत्री की बुआ को सांड ने उठाकर पटक दिया। इस कारण उसकी मौत हो गई। यह हादसा कुरुक्षेत्र के ग्रीन फील्ड पब्लिक स्कूल के पास हुआ।

    एयरफोर्स से सेवानिवृत्त सारजेंट कुलभूषण शर्मा की 84 वर्षीय मां कृष्णा देवी घर के बाहर गली में टहल रही थी। इस दौरान एक सांड ने उन्हें उठाकर पटक दिया। इसके बाद उन्हें शहर के निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां वीरवार दोपहर को उनकी मौत हो गई। हमले में उन्हें पेट के पास सींग लगने से गंभीर आंतरिक रक्तस्राव हो रहा था। बता दें कि प्रदेश में औसतन हर महीने 10 हादसे होते हैं। कुरुक्षेत्र में 15 महीने के दौरान दूसरी मौत हुई है।

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    स्वजन ने बताया कि कृष्णा देवी सोमवार को रोजाना की तरह सैर करने घर से निकली थीं। लगभग साढे छह बजे सांड ने उन पर हमला कर दिया। सांड ने उन्हें सींग से उठाकर सड़क पर पटक दिया। उनके शरीर से लगातार रक्तस्राव हो रहा था और कूल्हे की हड्डी भी टूट गई थी। बुधवार रात को उनका आपरेशन होना था, लेकिन रक्तचाप गिरने के कारण यह संभव नहीं हो सका।

    जितेंद्र नरवाल, सीएसआइ, नगर परिषद थानेसर ने बताया कि थानेसर नगर परिषद की ओर से वाह फाउंडेशन को यह जिम्मेदारी दी गई है। नप की ओर से टेंडर भी कर दिया गया है। 

    पिछले वर्ष गुरदीप कौर को पटक दिया था, हो गई थी मौत पिछले वर्ष 27 जुलाई को पटेल नगर निवासी 65 वर्षीय गुरदीप कौर की भी गोवंशी के हमले में मौत हो गई थी। उस समय गुरदीप कौर घर के बाहर गाय को हांक रही थी, तभी गाय ने उन्हें टक्कर मार दी और काटने लगी।

    इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद प्रशासन ने आसपास की दूध की डेयरी संचालकों को नोटिस जारी किया था। हालांकि, कुछ ही दिनों बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब 15 महीने बाद फिर से गोवंशी के हमले में एक वृद्धा की जान चली गई है, जिसने थानेसर नगर परिषद की ओर से 30 अगस्त तक सड़कों को पशु मुक्त करने के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

    करनाल शहर में करीब 1100 गोवंशी सड़कों पर है। पिछले साल सेक्टर 32-33 में हमले में स्कूटी सवार महिला की मौत हो गई थी। नगर निगम की ओर से बेसहारा पशु पकड़ने का अभियान नहीं चलाया जा रहा है। पानीपत में 1300 से अधिक बेसहारा गोवंश घूम रहे हैं। नगर निगम ने इनको पकड़ने के लिए फरवरी में टेंडर लगाया था।

    एक साल के लिए यह टेंडर लगाया गया था। जींद में दो युवकों की मौत हो चुकी है। मई में जींद-कैथल मार्ग पर रात को सड़क पर कार के आगे गोवंशी आने के कारण हादसे में कार सवार दो युवकों की मौत हो गई थी। वहीं तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। करीब 1500 से ज्यादा गोवंशी घूम रहे हैं। कैथल में एक साल पहले सांड की टक्कर लगाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पिछले चार माह से नंदी और गाय पकड़ने का कोई अभियान नहीं चलाया। सड़कों पर 1500 गोवंशी घूम रहे हैं। अंबाला में करीब 1200 गोवंशी सड़कों पर हैं।

    लोगों का कहना है कि नगर परिषद प्रशासन ने 30 अगस्त तक शहर की सड़कों को बेसहारा पशु मुक्त करने का दावा किया था। मगर अब भी शहर की सड़कों पर गोवंशी न केवल घूम रहे हैं। आखिर कब तक सिर्फ दावे किए जाएंगे।