Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    International Gita Mahotsav 2023: ब्रह्मसरोवर के घाटों पर भारत की संस्कृति का दिख रहा संगम, कई राज्यों की हस्तकला बिखेर रही अपनी जादू

    By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar Jha
    Updated: Sun, 10 Dec 2023 10:11 AM (IST)

    International Gita Mahotsav अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को लेकर पवित्र ब्रह्मसरोवर के घाटों पर सजे शिल्प और सरस मेले में पूरे भारत की संस्कृति का संगम बड़े पैमाने पर देखने को मिल रहा है। भारत के विभिन्न राज्यों के वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियों और उनके मधुर संगीत ने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया। इस महोत्सव में पहली बार ब्रह्मसरोवर के दक्षिण घाटों पर भी सांस्कृतिक आयोजन हुआ।

    Hero Image
    International Gita Mahotsav 2023: ब्रह्मसरोवर के घाटों पर भारत की संस्कृति का दिख रहा संगम

    जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को लेकर पवित्र ब्रह्मसरोवर के घाटों (Kurukshetra Brahmasarovar) पर सजे शिल्प और सरस मेले में पूरे भारत की संस्कृति का संगम देखने को मिल रहा। सरस मेले में जहां ग्रामीण महिलाओं के हाथों से तैयार ऊनी वस्त्र और आम व टींड का अचार मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर शिल्प मेले में विदेशों तक में भारतीय संस्कृति और कला की छाप छोड़ रही अद्भुत कलाकारी नजर आ रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मेले में बनारसी शिल्पकारों की साड़ियों पर महीन कारीगरी चमक बिखेर रही है तो कश्मीर के शिल्पकारों की तैयार अंगूठी से पार होने पर पश्मीना शाल लोगों को खींच रही है। सरस और शिल्प मेला के साथ शुरू हुए महोत्सव दिन-प्रति दिन परवान चढ़ रहा है।

    कई राज्यों के वाद्य यंत्रों की आवाजों ने पर्यटकों का खींचा ध्यान

    भारत के विभिन्न राज्यों के वाद्य यंत्रों की स्वर लहरियों और उनके मधुर संगीत ने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया। इन वाद्य यंत्रों की धुनों और लोक गीतों को सुनने के लिए ब्रह्मसरोवर के दक्षिण तट पर दर्शकों का तांता लग गया।

    यह भी पढ़ें: Haryana Weather Today: हिसार का तापमान 7 डिग्री से पहुंचा नीचे, पड़ने वाली है कड़ाके की ठंड, जानें मौसम का हाल

    पहली बार ब्रह्मसरोवर के दक्षिण घाटों पर सांस्कृतिक आयोजन

    इन प्रस्तुतियों को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा के कलाकार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में विशेष तौर लेकर पहुंचे हैं। इस महोत्सव में पहली बार ब्रह्मसरोवर के दक्षिण घाटों पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों का आयोजन किया जा रहा है।

    उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र पटियाला की तरफ से ब्रह्मसरोवर के घाटों पर प्रथम चरण में जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, छत्तीसगढ़ राज्यों के कलाकार लोक संस्कृति को अपने नृत्यों और लोक गीतों के माध्यम से दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं। यह कलाकार रूफ, कुल्लू नाटी, गाथा गायन, छपेली अादि नृत्यों की प्रस्तुति दे रहे हैं।

    यह भी पढ़ें: फरीदाबाद में घुड़चढ़ी के दौरान दबंगों ने चला दी गोली, युवती घायल