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    यमुनानगर: घायल तड़पता रहा... एंबुलेंस ड्राइवर और पुलिसकर्मियों में होती रही बहस, क्या है पूरा विवाद?

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 11:43 AM (IST)

    बिहार में एक घायल व्यक्ति मदद के लिए तड़पता रहा, जबकि एम्बुलेंस चालक और पुलिसकर्मी बहस करते रहे। इस घटना ने सिस्टम की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विवाद का कारण अज्ञात है, पर लोगों में आक्रोश है और वे जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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    फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, यमुनानगर। तेजली से दुर्घटना में घायल को एंबुलेंस में बिठाने को लेकर पुलिसकर्मियों व चालक के बीच तीखी बहस हो गई। मामला इतना बढ़ा कि चालक घायल को वहीं छोड़कर एंबुलेंस लेकर आ गया। विवाद एंबुलेंस पर ईएमटी न होने से हुआ। पुलिस की ओर से इस संबंध में रेफरल ट्रांसपोर्ट सिस्टम मुख्यालय व 112 पर शिकायत की गई। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से एंबुलेंस चालक के विरुद्ध जांच बिठाई गई है।

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    वहीं चालक ने इन आरोपों को निराधार बताया और पुलिस पर ही अभद्रता करने का आरोप लगाया। रविवार को तेजली में एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हो गया। डायल 112 की टीम पहुंच गई। जिसके कुछ देर बाद चालक वाहिद खान एंबुलेंस लेकर पहुंचा। पुलिसकर्मी ने उसे घायल को एंबुलेंस में बिठवाने के लिए स्ट्रेचर लेकर आने को कहा लेकिन उसने इन्कार कर दिया। कहा कि यह उसका काम नहीं है।

    उसकी एंबुलेंस पर ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) भी नहीं था। जिस पर भी पुलिसकर्मियों ने उससे बहस की। वाहिद ने कह दिया कि उसकी गाड़ी पर ईएमटी नहीं है। जिससे दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान घायल इलाज का इंतजार करता रहा। बाद में चालक बिना घायल को लिए ही एंबुलेंस लेकर आ गया।

    घायल को पुलिसकर्मियों ने अस्पताल भिजवाया। चालक के बारे में शिकायत दी। आरोप लगाया कि घायल को एंबुलेंस में बिठाने में मदद करने से चालक ने इन्कार कर दिया। पुलिसकर्मी के साथ अभद्र व्यवहार किया। एंबुलेंस पर ईएमटी नहीं है। चालक वाहिद खान का कहना है कि शनिवार की शाम छह बजकर 16 मिनट पर काल आई थी। छह बजकर 21 मिनट पर वहां पहुंच गया।

    22 एंबुलेंस हैं स्वास्थ्य विभाग के पास

    स्वास्थ्य विभाग के पास 22 एंबुलेंस हैं। इन एंबुलेंस के लिए 17 ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) हैं। ऐसे में सभी एंबुलेंस पर ईएमटी नहीं है। चंडीगढ़ पीजीआइ जाने वाली एंबुलेंस पर ईएमटी अनिवार्य रूप से रहते हैं।

    रेफरल ट्रांसपोर्ट सिस्टम की नोडल अधिकारी व डिप्टी सिविल सर्जन डा. सुशीला सैनी ने बताया कि एंबुलेंस चालक के बारे में शिकायत मिली है। उसने मरीज को एंबुलेंस में नहीं बिठाया। पुलिसकर्मियों से बहस की। मामले की जांच की जा रही है। यदि चालक की गलती है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।