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    हरियाणा के लाल को लंदन में मिलेगा सम्मान, समुद्र में 200 मील अंदर 20 घंटे तक आग से जूझकर बचाई थी 27 नाविकों की जान

    Haryana News हरियाणा के अंतर्गत कुरुक्षेत्र के अमरजीत सैनी ने 20 घंटे तक समुद्र में जहाज में लगी आग से लड़कर 27 नाविकों की जान बचाई थी। अब उन्हें उनके इस साहस के लिए अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) की ओर से लंदन में सम्मानित किया जाएगा। अमरजीत सैनी को 2 दिसंबर को लंदन में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

    By Vinod Kumar Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 20 Nov 2024 07:05 PM (IST)
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    कुरुक्षेत्र के गांव कैंथल खुर्द के अमरजीत सैनी (जागरण फोटो)

    विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र के गांव कैंथल खुर्द के अमरजीत सैनी 26 जनवरी के उस मंजर को कभी नहीं भूला सकते, जिसमें मौत 20 घंटे तक उनके सामने तांडव करती रही और वह मौत को दूर भगाने के लिए हिम्मत के साथ उससे लड़ते रहे।

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    आखिरकार उन्होंने अपनी पूरी टीम के साथ इस आग पर 20 घंटे में काबू पाया और इससे पूरा समुद्री जहाज माल समेत सुरक्षित रहा और टीम के 27 नाविकों की जान भी बच पाई।

    अब उनकी इस हिम्मत के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आइएमओ) की ओर से दो दिसंबर को लंदन में सम्मानित किया जाएगा। अवॉर्ड के लिए अमरजीत सैनी का नाम चयनित होने पर गांव कैंथला खुर्द के लोगों में खुशी है।

    26 जनवरी को हुआ था हमला

    हिंद महासागर और लाल सागर में 26 जनवरी को जिस मार्लिन लुआंडा समुद्री मालवाहक जहाज पर हूती विद्रोहियों से मिसाइल से हमला किया था, उस जहाज पर 27 सदस्यों का दल था। इसमें से ज्यादातर भारतीय थे।

    इन्हीं भारतीय में समुद्री सुरक्षा टीम के लीडर की जिम्मेदारी अमरजीत सिंह सैनी निभा रहे थे। उन्होंने बताया कि 26 जनवरी को वह यमन और सोमालिया के बीच समुद्री सीमा से गुजर रहे थे। उन पर हूती विद्रोहियों ने तीन मिसाइल दागी। इनका निशाना सही नहीं रहा। उन्होंने मदद के लिए भारतीय नौसेना और अन्य से मदद मांगी।

    लगातार हुआ मिसाइल से हमला

    इसके बाद निर्देश मिलने पर वह तेजी से आगे बढ़ते रहे। इसी बीच देर सायं 7 बजकर 35 मिनट पर दोबारा उनके जहाज पर मिसाइल हमला हुआ। इसमें एक मिसाइल उनके जहाज से टकराई और इसके टकराते ही जहाज में आग लग गई।

    नैफ्था तेल से लदे जहाज में लगी आग से उन्हें अपनी आंखों के सामने भयंकर खतरा नजर आ रहा था। समुद्र में 200 मील दूर कर कोई तट नहीं था। उन्होंने पूरी परिस्थिति को देखते हुए जी जान लगाया और हिम्मत नहीं हारी, आखिरकार टीम को 20 घंटे बाद सफलता मिली।

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    जहाज में भरा था अति ज्वलनशील पदार्थ नैफ्था तेल

    मार्लिन लुआंडा समुद्री मालवाहक जहाज अति ज्वलनशील पदार्थ नैफ्थ तेल से लोड था। इस तेल में लगी आग को बुझा पाना बेहद कठिन है। इस तेल में आग लगते ही उन्होंने बचाव कार्य शुरू किया। जहाज के एक कोने पर आग तांडव मचा रही थी और आसमान से विद्रोही मिसाइल दाग रहे थे।

    इस परिस्थिति में भी अमरजीत सैनी ने उनके हिम्मत नहीं हारी और अपनी सुरक्षा टीम के साथ मैदान में डट गए। विद्रोहियों और लुटेरों से बचाने के लिए भारतीय नौसेना के साथ यूएस और फ्रैंच वार शिप के अधिकारियों के निर्देश पर चालक दल जहाज को तेजी से आगे बढ़ाता रहा और वह अपनी टीम के साथ आग को बुझाने में लगे रहे।

    भारतीय नौसेना के पहुंचने पर मिले हौसले के बाद वह उत्साह के साथ आग बुझाने में लगे रहे और उन्होंने 20 घंटे के प्रयास के बाद आग पर सफलता पाई। इससे 27 नाविकों की जान बच पाई।

    15 वर्ष भारतीय नौसेना में दी सेवाएं

    अमरजीत सिंह सैनी ने 15 वर्ष भारतीय नौसेना में सेवाएं दी हैं। अब वह 2010 से सेवानिवृत्ति लेने के बाद से मर्चेंट नेवी में समुद्री सुरक्षा टीम लीडर की सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने अभी तक 200 से अधिक मालवाहक जहाजों पर अपनी सेवाएं दी हैं।

    उन्होंने बताया कि आइएमओ की ओर से उन्हें सम्मानित करने के लिए निमंत्रण भेजा गया है। उन्हें लंदन में दो दिसंबर को आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

    उन्होंने सम्मान के लिए चयनित होने पर खुशी जताते हुए कहा कि इस तरह के सम्मान से उन्हें और अधिक ऊर्जा से अपनी ड्यूटी निभाने की प्रेरणा मिलेगी।

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