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    मानव कल्याण विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका : भराली

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 01 Mar 2020 06:45 AM (IST)

    कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के तकनीकी इन्क्यूबेशन सेंटर और जीव विज्ञान संकाय के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. उद्धब के. भराली ने कहा कि इनोवेशन समाज की समस्याओं के समाधान का आधार है।

    मानव कल्याण विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका : भराली

    जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के तकनीकी इन्क्यूबेशन सेंटर और जीव विज्ञान संकाय के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पद्मश्री डॉ. उद्धब के. भराली ने कहा कि इनोवेशन समाज की समस्याओं के समाधान का आधार है। किसी भी देश व राष्ट्र के विकास के लिए नए अनुसंधान को बढ़ावा देना बहुत ही जरूरी है। अनुसंधान से ही मानव कल्याण व लोगों के जीवन को बेहतर व सुविधाजनक बनाया जा सकता है।

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    युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं को चाहिए कि वह अनुसंधान व इनोवेशन को गंभीरता से लें। नई चुनौतियों को स्वीकार करें और पूर उत्साह के साथ उसमें जुटें। उन्होंने विद्यार्थियों में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए नए-नए कार्यक्रम और विशेषज्ञों से संवाद पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी के ज्ञान को न केवल लोगों के कल्याण के लिए निर्देशित किया जाए, बल्कि उनकी समस्याओं के लिए भी व्यवाहारिक समाधान भी प्रदान किया जाए।

    कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुवि के कुलपति डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि एक शोधकर्ता की जिज्ञासा, जुनून, उत्सुकता, अवलोकन, दृढ़ता और धैर्य नई खोजों और नवाचारों की ओर ले जाती है। शोधकर्ता की दृष्टि से इन सभी गुणों का होना बहुत जरूरी है। आम लोगों के संचार का अनुप्रयोग ही नवाचार है। उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए डॉ. भराली की सराहना की व बधाई दी। बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रही डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. मंजुला चौधरी ने विद्यार्थियों से जिज्ञासु होने का आह्वान किया और नए शोध की ओर प्रेरित किया। इस मौके पर डीन लाइफ साइंस प्रो. आरके शर्मा, सेंटर की संयोजिका डॉ. अनुरेखा शर्मा व डॉ. श्रीनाध एम मौजूद रहे।