श्राद्ध पक्ष में नई वस्तु, वाहन या सामान को खरीदना अशुभ मानना महज भ्रांति
श्राद्ध पक्ष में नई वस्तु, सामान या संपत्ति आदि की खरीद को अशुभ माना जाता है, हालांकि किसी भी शास्त्र या पुस्तक में इस प्रकार का कोई उल्लेख नहीं है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
श्राद्ध पक्ष में नई वस्तु, सामान या संपत्ति आदि की खरीद को अशुभ माना जाता है, हालांकि किसी भी शास्त्र या पुस्तक में इस प्रकार का कोई उल्लेख नहीं है। कर्मकांडी पंडित और ज्योतिषाचार्य भी मानते हैं कि इस प्रकार की बातें महज भ्रांति हैं, जिनका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों में पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में नई वस्तु या सामान की खरीद अशुभ नहीं हो सकती। लोग बेवजह लोक वाक्य का आगे से आगे प्रचार करते रहे। नतीजा यह हुआ कि इन 15 दिनों में बाजार मंदी में डूब जाता है।
अशुभ नहीं शुभ दिन
गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र संचालक रामराज कौशिक श्राद्ध पक्ष में पूर्वजों को याद करने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध पक्ष के 15 दिनों तक पूर्वज सूक्ष्म शरीर धारण करके घर में आते हैं। हां इन दिनों में अभक्ष पदार्थों के सेवन को वर्जित किया गया है। घर को शुद्ध रखने के लिए कहा गया है। इन दिनों में किसी तरह की नई वस्तु, वाहन या घर का लेना अशुभ होगा, यह सिर्फ एक भ्रांति है। इन दिनों में पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और कोई पूर्वज अपने वंश की संपन्नता को बढ़ते हुए देखकर रुष्ट नहीं होता। कहीं भी इसका वृतांत नहीं
प्राचीन कालेश्वर महादेव मंदिर पुजारी सुनंद मिश्रा ने कहा कि ऐसा किसी भी ग्रंथ या शास्त्र में वर्णित नहीं है कि श्राद्ध पक्ष में किसी भी तरह की नई वस्तु खरीदना अशुभ है। यह सिर्फ भ्रांति है। ग्रंथ, शास्त्र और धार्मिक पुस्तकों में ऐसा कोई वृतांत नहीं है। बल्कि उत्तर प्रदेश में यह प्रथा है कि इन दिनों में रिश्तेदार घरों में आते हैं और एक विशाल आयोजन किया जाता है। उन्हें भोजन कराकर नए वस्त्र देकर विदा किया जाता है।
पितरों को याद करने का वर्णन जरूर मिलता
ब्रह्मसरोवर तीर्थ के मध्य पुरुषोत्तमपुरा बाग स्थित कात्यानी मंदिर के पीठाध्यक्ष पंडित बलराम गौतम ने कहा कि श्राद्ध पक्ष में वस्तु या किसी भी सामान के खरीदने को अशुभ नहीं माना गया है। इस पक्ष में पितरों को याद करने का वर्णन है। इन तिथियों पर ब्राह्मण को भोजन कराकर उन्हें वही चीजें दी जाती हैं जो पूर्वजों को पसंद हो। नई वस्तु या सामान खरीदा जा सकता है।
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