Haryana: चैत्र चौदस मेले से लौटते हुए अमावस्या पर ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर में श्रद्धालुओं ने किया स्नान
Kurukshetra News चैत्र माह में पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर चौदस को स्नान करने का महत्व है। ऐसी मान्यता है कि पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर स्नान और पिंडदान करने के बाद श्रद्धालु वापस लौटते हुए पवित्र ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर भी स्नान करना नहीं भूलते।

कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। चैत्र माह में पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर चौदस को स्नान करने का महत्व है। वहीं अगले ही दिन अमावस्या पर धर्मनगरी के ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर में स्नान करके श्रद्धालु वापस अपने घरों को लौटना शुरू हो गए।
ऐसी मान्यता है कि पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर स्नान और पिंडदान करने के बाद श्रद्धालु वापस लौटते हुए पवित्र ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर भी स्नान करना नहीं भूलते। वापस अपने घर को जाते हुए श्रद्धालु ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर में भी स्नान करते हैं और अपने पितरों के निमित्त पिंडदान करवाते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि धर्मनगरी के जल-थल और वायु तीनों में ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर में मंगलवार को बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
भंडारों से की श्रद्धालुओं की सेवा
चैत्र चौदस मेले में पहुंचे यात्रियों की सेवा के लिए नगरवासियों व विभिन्न शहरों से आए लोगों ने जगह जगह भंडारे लगाकर श्रद्धालुओं को भोजन करवाया। सरस्वती तीर्थ, पवन मार्केट कमेटी, गोल मार्केट, अंबाला रोड, अनाज मंडी, गुहला रोड, गुरुद्वारा रोड, प्राची तीर्थ स्थलों पर भंडारे लगाए गए, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।
चैत्र चौदस मेले में आने वाले श्रद्धालुओं ने किया दान
दूर दराज से आए श्रद्धालुओं ने चैत्र चौदस मेले के अवसर पर दिल खोलकर दान भी किया। मान्यता है कि पिहोवा क्षेत्र में किया जाने वाला पुण्य व पाप 13 दिन तक 13 गुणा फलीभूत होता है। जिसके चलते श्रद्धालु इस अवसर पर दिल खोलकर दान करते है।
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