एनआइटी मेस कर्मियों के प्रदर्शन को लेकर कर्मचारी संघ और एनआइटी प्रशासन आमने-सामने
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) में बुधवार को मेस कर्मियों के प्रदर्शन के बाद मेस कल्याण कर्मचारी संघ और एनआइटी प्रशासन आमने-सामने हो गया है।
- तीन दिन के अल्टीमेटम के बाद बुधवार को मेस कर्मियों ने किया प्रदर्शन
- छात्रावास नंबर चार से लेकर प्रशासनिक भवन तक निकाला रोष मार्च जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) में बुधवार को मेस कर्मियों के प्रदर्शन के बाद मेस कल्याण कर्मचारी संघ और एनआइटी प्रशासन आमने-सामने हो गया है। मेस कल्याण कर्मचारी संघ ने तीन दिन पहले मांगों को लेकर अल्टीमेटम देने के बाद बुधवार को प्रदर्शन किया और छात्रावास नंबर चार से प्रशासनिक भवन तक रोष मार्च निकाला। मेस कर्मियों ने मांगों की अनदेखी को लेकर एनआइटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दोपहर पहले हुए प्रदर्शन के बाद एनआईटी प्रशासन न दोपहर बाद पत्र जारी कर मेस कल्याण कर्मचारी संघ को एनआइटी परिसर में प्रदर्शन न करने के निर्देश जारी किए। इसके बाद मेस कल्याण कर्मचारी संघ ने कार्यकारिणी बैठक बुलाकर प्रशासन को जवाब भेजा है। इस जवाब में संघ ने अपनी मांग पूरी न होने तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है।
गौरतलब है कि अपनी मांगों की अनदेखी को लेकर मेस कर्मी बुधवार को सुबह ही छात्रावास नंबर चार में एकत्रित होना शुरू हो गए थे। छात्रावास नंबर चार में एकत्रित होकर मेस कर्मी को नारेबाजी करते हुए प्रशासनिक भवन में निदेशक कार्यालय के सामने पहुंचे और एनआइटी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
30 फीसद वेतन कटने से झेल रहे तंगी
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए संघ के प्रधान प्रेम सिंह नेगी ने कहा कि एनआइटी प्रशासन ने कोरोना के दौरान मेस कर्मियों का 30 प्रतिशत तक वेतन काटा है। मेस कर्मियों का 16 माह तक 30 प्रतिशत वेतन कटने पर उन्हें आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है। इतना ही नहीं मेस कर्मियों को दी जाने वाली वार्षिक तीन प्रतिशत वेतन वृद्धि भी नहीं दी जा रही है। एनआइटी प्रशासन मेस कर्मियों का शोषण कर रहा है। अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाने पर भी उनकी कोई सुनवाई नहीं की जा रही। महासचिव अर्चना शुक्ला ने श्रम एवं समझौता अधिकारी की ओर से मेस कर्मियों को नियमित किए जाने के आदेशों की भी लगातार अनदेखी की जा रही है। इससे मेस कर्मियों में रोष है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।
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