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    गीता जयंती पर 8.95 करोड़ किए खर्च, सबसे ज्यादा छह दिन के मल्टीमीडिया शो पर 1.15 करोड़

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 28 Feb 2020 06:00 AM (IST)

    अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव पर 17 दिन में करीब 8.95 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। सबसे अधिक छह दिन के मल्टीमीडिया शो पर 1.15 करोड़ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पंडाल पर 1.10 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

    गीता जयंती पर 8.95 करोड़ किए खर्च, सबसे ज्यादा छह दिन के मल्टीमीडिया शो पर 1.15 करोड़

    जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव पर 17 दिन में करीब 8.95 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। सबसे अधिक छह दिन के मल्टीमीडिया शो पर 1.15 करोड़ और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पंडाल पर 1.10 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। लाल किला पर प्रेस कांफ्रेंस पर ही 23.25 लाख रुपये खर्च करना बताया है। मेहमानों और खास लोगों के भोजन और उनके जलपान पर 30.62 लाख, हरियाणा पर्यटन, होटल व धर्मशाला पर 46.15 लाख खर्च किए गए। यही नहीं केडीबी ने 16.49 लाख के स्मृति चिह्न और उपहार लोगों को भेंट कर दिए। इतनी बड़ी राशि उस वक्त खर्च कर दी, जब केडीबी गीता जयंती महोत्सव के आयोजन के बारे में भी ठीक से नहीं बता पा रहा है।

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    अभय सिंह चौटाला के विधानसभा सत्र में सवाल पूछने पर अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव पर खर्च करीब 8.95 करोड़ की जानकारी निकलकर सामने आई। सरकार को केडीबी (कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड) ने बताया कि महोत्सव 23 नवंबर को शुरू हुआ था और यह 10 दिसंबर तक चला था।

    सफाई का मानदेय तक नहीं दिया, बिल 2.72 करोड़ दिखाया

    केडीबी ने अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव पर सफाई के लिए 2.72 करोड़ रुपये का बिल पास किया है, जबकि नगर परिषद के अंतर्गत लगे 50 सफाईकर्मियों और उनके सुपरवाइजरों को आज तक मानदेय नहीं मिल पाया है। वे तीन महीने से अधिकारियों के चक्कर काट चुके हैं। नप और केडीबी एक दूसरे पर सवाल उठा रहे हैं। डीसी के आश्वासन के बाद भी कर्मियों को मानदेय नहीं मिल पाया है।

    कहां कितना खर्च हुआ

    ब्योरा राशि

    सांस्कृतिक कार्यक्रम 8,46,3872

    भोजन एवं जलपान 3,06,20008

    हरियाणा पर्यटन, होटल व धर्मशाला 4,61,5658

    स्मृति चिह्न और उपहार 1,64,9947

    अस्थायी विद्युत कनेक्शन 7183525

    अस्थायी टेंट 4500640

    प्रचार एवं प्रसार 2864170

    पुष्प सज्जा एवं परिवेश निर्माण 26,93000

    फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी 569160

    अष्टादश श्लोक गीता पाठ 2984690

    साउंड सिस्टम की अस्थायी 411425

    कलाकारों और क्राफ्टसमैन के लिए बिस्तरों की व्यवस्था 300240

    प्रकाशन सामग्री, कॉफी टेबल बुक सहित 1247677

    लालकिला व इंडिया गेट पर प्रेस कांफ्रेंस 2325025

    मल्टीमीडिया शो छह दिन तक 11,500000

    सफाई व्यवस्था 27230338

    मुख्य पंडाल, सिविल वर्क 11000000

    ई-रिक्शा किराये और चार्जिंग स्टेशन 477300

    हरियाणा पवेलियन की स्थापना 3417000

    अस्थायी सीसीटीवी, एलइडी 2665656

    अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी 4400000

    विभिन्न स्थानों पर रंगोली की स्थापना 209979

    शैक्षणिक एवं खेल प्रतियोगिता 2754810

    ट्रांसपोर्टेशन चार्जिज, महाआरती, हेलीकॉप्टर 2989002

    वेब बेस्ड पीपल काउंटर 411425

    ब्रह्मसरोवर, ज्योतिसर पर रंग रोगन और मरम्मत 4052000

    कुल 89471239

    जयंती की तिथि की प्रमाणित जानकारी तक नहीं दे पा रहा

    धार्मिक शोध केंद्र कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष पंडित ऋषभ वत्स ने कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से आरटीआइ एक्ट में गीता जयंती की तिथि पर प्रमाणित जानकारी मांगी थी। केडीबी पहले तो जानकारी देने में टालमटोल करता रहा। अब जवाब में मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष एकादशी को भीष्म के सरशैया पर लेटने के पश्चात संजय ने धृतराष्ट्र को गीता उपदेश देना बताया। उन्होंने जवाब पर 24 फरवरी को केडीबी के सीईओ के समक्ष अपनी असंतुष्टि व आपत्ति दर्ज करवाई। उन्होंने इस जवाब की प्रमाणिकता सिद्ध करने वाले ग्रंथ का संदर्भ, स्कंद पुराण के पेज की फोटोकॉपी मांगी है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या गीता जयंती के बारे में कभी किसी भी पंचांग से मौखिक या लिखित जानकारी ली गई थी? उन्होंने इस पर प्रथम अपील में याचिका दायर की है।

    महोत्सव पर करीब 8.95 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह सब उच्चाधिकारियों की परमिशन लेकर किया गया है। हर पैसे का हिसाब रखा गया है।

    गगनदीप सिंह, सीईओ, केडीबी।