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    कर्म की भूमि पर धर्म की खेती है गीता : पुण्डरीक गोस्वामी

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 14 Dec 2018 01:04 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ब्रह्मासरोवर के तट पर गीता जयंती महोत्सव पर जयराम विद्यापीठ में आयोजित भागवत पुराण की कथा में महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञान ...और पढ़ें

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    कर्म की भूमि पर धर्म की खेती है गीता : पुण्डरीक गोस्वामी

    जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : ब्रह्मासरोवर के तट पर गीता जयंती महोत्सव पर जयराम विद्यापीठ में आयोजित भागवत पुराण की कथा में महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज के पहुंचने पर जयराम संस्थाओं के अध्यक्ष ब्रह्मास्वरुप ब्रह्माचारी ने स्वागत किया। विद्यापीठ में स्वामी ज्ञानानंद महाराज व्यासपीठ पर विराजमान कथाव्यास मन्माधव गोडेश्वर वैष्णवाचार्य पुण्डरीक गोस्वामी से कथा का श्रवण किया। दूसरे दिन की कथा शुभारंभ से पूर्व यजमान भोलानाथ हरदत्त राय, तीर्थराज ¨सघल, प्रेम ¨सघल, सुरेश ¨सघल, सुशील ¨सघल तथा अजय ¨सघल व उनके परिवार के सदस्यों ने विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण के साथ व्यासपीठ पर भागवत पुराण की पूजा अर्चना की। कथाव्यास पुण्डरीक गोस्वामी ने कहा कि गीता जयंती के अवसर पर तो भागवत कथा का श्रवण करना ही आलौकिक अवसर है। इस धरती पर श्रीमद्भगवत कथा श्रवण करने से जन्मों-जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य में लौकिक व आध्यात्मिक विकास प्रारंभ हो जाता है। उन्होंने श्रीमद्भगवत के महात्म्य के बारे में कहा कि कलियुग में कथा श्रवण करने मात्र से मनुष्य भवसागर से पार हो जाता है। 18 पुराणों में से एक श्रीमछ्वागवत का मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरूपण भी किया गया है। पुण्डरीक गोस्वामी ने बताया कि भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमछ्वागवत मोक्ष दायिनी है।

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    इस मौके पर श्रवण गुप्ता, केके गर्ग, टेक ¨सह लौहार माजरा, ईश्वर गुप्ता, खरैती लाल ¨सगला, पूर्व मंत्री देवेंद्र शर्मा, डीडीपीओ कपिल शर्मा, कुलवंत सैनी, केके कौशिक, राजेश ¨सगला, पवन गर्ग मौजूद थे।