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    रणजीत हत्याकांड में भी अभियुक्त है गुरमीत, 16 सितंबर को आ सकता है फैसला

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Sun, 27 Aug 2017 11:36 AM (IST)

    गुरमीत राम रहीम रणजीत हत्याकांड में भी अभियुक्त है। इस मामले में 16 सितंबर को फैसला आ सकती है। परिजनों को उम्मीद है कि इस मामले में भी डेरा प्रमुख दोषी करार दिए जाएंगे।

    रणजीत हत्याकांड में भी अभियुक्त है गुरमीत, 16 सितंबर को आ सकता है फैसला

    जेएनएन, पिपली (कुरुक्षेत्र)। सीबीआइ कोर्ट द्वारा साध्वी यौनशोषण मामले में डेरा प्रमुख राम रहीम को दोषी करार देने के बाद खानपुर कोलियां निवासी रणजीत के परिजनों में न्याय की उम्मीद जगी है। 16 सितंबर को पंचकूला की सीबीआइ कोर्ट में रणजीत हत्याकांड मामले में सुनवाई होगी। परिजनों को उम्मीद है कि इस मामले में भी डेरा प्रमुख दोषी करार दिए जाएंगे।

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    गांव खानपुर कोलियां में रणजीत के घर पर पुलिस प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। डीएसपी राजबीर सिंह लगातार सुरक्षा पर नजर बनाए हुए हैं। पुलिस ने रणजीत सिंह के बेटे जगशीर को पुलिस सुरक्षा में रखा हुआ है। मृतक रणजीत सिंह के बहनोई प्रभुदयाल ने बताया कि रणजीत की डेरा के प्रति अगाध श्रद्धा थी और वह डेरा की सुपर 10 सदस्यीय कमेटी का प्रधान था। डेरा प्रमुख रणजीत से विचार-विमर्श किए बिना कोई निर्णय नहीं लेता था। इस कारण उसे डेरे के भीतर आवास भी मिला हुआ था। वर्ष 2000 में डेरा प्रमुख से किन्हीं कारणों से विश्वास उठ गया और वह डेरा छोड़कर घर आ गया।

    डेरा प्रमुख की ओर से रणजीत को मनाने के लिए कई बार प्रयास किए गए, लेकिन वह  लौटने के लिए तैयार नहीं हुए। प्रभुदयाल ने बताया कि 2002 में पंजाब की एक साध्वी द्वारा प्रधानमंत्री को लिखी डेरा प्रमुख के काले कारनामे की एक गुमनाम चिट्ठी ने तहलका मचा दिया। डेरा प्रमुख को शक हुआ कि यह गुमनाम चिट्ठी रणजीत सिंह द्वारा लिखी गई है। डेरा प्रमुख की ओर गनमैन सबदिल व जसबीर सिंह ने रणजीत को मनाने के लिए भेजा, लेकिन वह नहीं लौटा।

    आरोप है कि इसके बाद डेरा प्रमुख द्वारा रणजीत की हत्या की योजना बनाई और 10 जुलाई 2002 को बाबा के सुरक्षाकर्मी सबदिल व जसवीर ने रणजीत की उस समय गोलियों से हत्या कर दी जब वह अपने खेत में नौकरों को चाय देने के बाद गांव में लौट रहा था। प्रभुदयाल ने बताया कि हत्यारों ने रणजीत पर नजदीक से गोलियां दागी थीं। तत्कालीन सरकार ने जब हत्यारों के विरुद्ध कोई कारवाई नहीं की तो हाई कोर्ट की शरण ली। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद ही इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई थी।

    उन्होंने बताया कि रणजीत के पिता जोगिंदर सिंह जो अब इस दुनिया में नहीं है ने अपने बेटे के कातिलों को सजा दिलाने के लिए आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी। गांव के ही मिलखी राम व अन्य लोगों ने अदालत के फैसले पर खुशी जताते हुए उम्मीद जताई कि 16 सितंबर को रणजीत हत्याकांड में भी सीबीआइ कोर्ट डेरा प्रमुख को दोषी मानते हुए सजा देगी।

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