झींडा के हरियाणा SGPC प्रधान बनते ही शुरू हो गई थी खींचतान, खुलकर आमने-सामने हुए प्रधान और चेयरमैन
हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (एचएसजीएमसी) में जगदीश सिंह झींडा के प्रधान बनते ही विवाद शुरू हो गया। बलजीत सिंह दादूवाल ने सब कमेटियों के गठन में नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया जिसके बाद झींडा ने सभी कमेटियों को भंग कर दिया। दोनों नेता अब खुलकर आमने-सामने हैं और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। दादूवाल ने झींडा पर मनमानी करने का आरोप लगाया है।

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी (एचएसजीएमसी) में जगदीश सिंह झींडा के प्रधान की कमान संभालते ही कार्यकारिणी में खींचतान शुरू हो गई थी। 23 मई को उनके प्रधान बनने के बाद छह जून को ही प्रधान जगदीश झींडा और धर्मप्रचार कमेटी के पूर्व प्रधान बलजीत सिंह दादूवाल में दूरियां दिखी थी।
इसके बाद भी कई मौकों पर दोनों राय जुदा-जुदा दिखी और अब तीन दिनों से दोनों खुलकर आमने-सामने हो गए हैं। दादूवाल ने जब सब कमेटियों के गठन पर नियमों की अनदेखी का मामला उठाया तो झींडा ने सभी सब कमेटियों को भंग और चेयरमैन की नियुक्तियां रद करने की घोषणा कर दी।
इसके बाद से लगातार दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। दादूवाल बोले- लैटर पैड पर पत्र ही जारी क्यों किया: धर्म प्रचार कमेटी के चेयरमैन ने कहा कि प्रधान झींडा ने सब कमेटियां गठित करने का आदेश अपने लैटर पैड पर जो पत्र जारी किया गया, वही गलत किए थे।
बयान भी बिल्कुल गलत है। उन्हें कार्यकारिणी ने न कमेटी बनाने की पावर दी है और न ही उन्हें भंग करने की। पदोन्नति और नियुक्तियों की पावर भी नहीं दी है। प्रधान अपनी मर्जी से ही सब कर रहे हैं। इसीलिए सदस्यों ने एतराज जताया था। जो चेयरमैन की घोषणा हुई है वह कार्यकारिणी ने पास की है।
सभी सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं। कार्यकारिणी में पास होने पर सब कमेटियों का पत्र मुख्य सचिव की ओर से जारी होना चाहिए था, प्रधान ने मनमर्जी से अपने आप इसे जारी कर दिया। कार्यकारिणी ने प्रस्ताव पास कर चेयरमैन बनाए हैं कार्यकारिणी में ही उन्हें वापस किया जा सकता है।
प्रधान ने कहा-कमेटी एक्ट में चेयरमैन का कोई पद ही नहीं एचएसजीएमसी प्रधान जगदीश सिंह झींडा ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि एचएसजीएमसी व एसजीपीसी के एक्ट में चेयरमैन पद का कोई प्रविधान ही नहीं है।
इसलिए इस असंवैधानिक पद का एजेंडा कार्यकारिणी में पेश करने व पास करने का कोई मतलब ही नहीं बनता। चेयरमैन पूर्व प्रधान व मेरे द्वारा केवल अपने कार्य का बोझ कम करने के लिए लगाए गए थे। अब मैंने पूर्ण रूप से हटा दिए हैं, बलजीत सिंह दादूवाल झूठ बोलकर संगत में भ्रम फैला रहे हैं।
11 सदस्यीय हरियाणा अंतरिम समिति में पारित प्रस्तावों को अध्यक्ष झींडा अकेले नहीं कर सकते खारिज:
रामसर उधर गुहला-चीका में एचएसजीएमसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार गुरमीत सिंह रामसर कालका व उपाध्यक्ष सरदार गुरबीर सिंह तलाकौर यमुनानगर ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि 11 सदस्यीय अंतरिम समिति में अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा द्वारा बहुमत से पारित प्रस्तावों को अकेले खारिज नहीं कर सकते।
वह केवल उन्हीं उप समितियों को खारिज कर सकते हैं जिनकी उन्होंने उप समितियां बनाई थीं। यह उप समितियां गलत तरीके से बनाई गई थी।
जिसके खिलाफ हरियाणा सिख गुरुद्वारा न्यायिक आयोग के 13 सदस्यों ने सबूतों के साथ हरियाणा सिख गुरुद्वारा न्यायिक आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
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