वन विभाग की अनदेखी से बदहाल हुआ अर्जुन हर्बल पार्क
ज्योतिसर में अर्जुन हर्बल पार्क को संजीवनी नहीं मिल पा रही। पर्यटकों में औषधीय पौधों को लेकर जागरूकता लाने के लिए बनाया गया यह पार्क पिछले कई माह से ब ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : गीता की जन्मस्थली ज्योतिसर में अर्जुन हर्बल पार्क को संजीवनी नहीं मिल पा रही। पर्यटकों में औषधीय पौधों को लेकर जागरूकता लाने के लिए बनाया गया यह पार्क पिछले कई माह से बदहाल पड़ा है। इससे न तो पार्क में खड़े औषधीय पौधों के गुणों की जानकारी समाज तक पहुंच पा रही है और न ही इसकी व्यवस्था को सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। पार्क में पर्यटकों के लिए बनाई गई हट और अन्य व्यवस्थाएं भी जर्जर होने लगी हैं। पार्क के अंदर जाने से लिए रास्ता तक नहीं है। पार्क में बने एकमात्र तालाब में पानी से बदबू उठने लगी है।
कुरुक्षेत्र को पिछले कई सालों से अंतरराष्ट्रीय धार्मिक और पर्यटक स्थल के रूप में बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ज्योतिसर में वन विभाग ने अर्जुन हर्बल पार्क बनाया था। पार्क में सभी तरह के औषधीय पौधे लगाए गए थे। इन पौधों के साथ ही इनके फायदों को लेकर एक बोर्ड भी लगाया जाना था। इसी बोर्ड पर पौधे का नाम और कौन सी बीमारी के इलाज में किस तरह से फायदेमंद है इसकी जानकारी दी जानी थी। पार्क में बाकायदा पर्यटकों के लिए हट और कैंटीन भी बनाई गई थी।
अर्जुन पार्क का उद्घाटन 20 सितंबर 2007 में देश में तत्कालीन पर्यावरण, पर्यटन, खेल एवं युवा मामले मंत्री किरण चौधरी ने किया था। नक्षत्रों के हिसाब से पौधों की भी दी है जानकारी
पार्क में 27 नक्षत्रों के हिसाब से पौधे भी रोपित किए गए हैं। इनमें कृतिका नक्षत्र के लिए गूलर, रोहिणी के लिए जामुन, मृगशिरा के लिए खैर, आदी के लिए शीशम, पुष्य के लिए पीपल, रेवती के लिए महुआ, स्वाती के लिए अर्जुन, जयेष्ठा के लिए चीड़ और उत्तराषाठा के लिए कटहल सहित अन्य पौधे रोपित किए गए हैं। फोरेस्ट रेंजर शमशेर सिंह ने बताया कि ब्रह्मसरोवर में पानी के लिए पार्क सामने से पाइप दबाई गई थी। इसके चलते अंदर जाने का रास्ता खराब हो गया था। इसके साथ ही पार्क में हट और कैंटीन की हालत में भी सुधार किया जाएगा। इसके लिए विभाग से बजट की मांग की गई है। बजट मिलने पर इस रास्ते को ठीक कर आकर्षक बनाया जाएगा। इसके साथ पार्क में पर्यटकों के लिए सुविधाएं बहाल की जाएंगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।