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    Kisan Andolan: किसानों के दिल्ली कूच के बीच ट्यूकर बॉर्डर पर विरोध के सुर पड़े ठंडे, आपसी भाईचारे के लग रहे नारे

    By Vinod Kumar Edited By: Monu Kumar Jha
    Updated: Tue, 27 Feb 2024 04:27 PM (IST)

    किसान अभी कुछ दिन दिल्ली कूच नहीं करेंगे। ये एलान किसान नेताओं द्वारा बीते दिन किया गया। इसी बीच कुरुक्षेत्र के ट्यूकर बॉर्डर पर एक अजब नजारा देखने को मिला। यहां केंद्र सरकार का विरोध कर रहे किसानों के सुर ठंडे दिखे। साथ ही उनके बीच आपसी भाईचारे के नारे लगते दिखे। हालांकि भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी अभी भी बॉर्डरों पर मोर्चा संभाले हुए हैं।

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    Farmers Protest: ट्यूकर बॉर्डर पर विरोध के सुर हुए कम आपसी भाईचारे के लग रहे नारे।

    संवाद सहयोगी, कुरुक्षेत्र। सवेरे के समय सभी को एक जगह जमा करना और दोपहर को मशविरा और शाम को प्रभु सिमरन। आजकल ट्यूकर बॉर्डर पर विरोध के सुर कम और आपसी भाईचारे के नारे अधिक लगने लगे हैं। पिहोवा पटियाला रोड पर ट्यूकर बॉर्डर पर 17 दिन से यातायात बंद हैं।

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    हरियाणा पुलिस और अर्ध सैनिक बल दिन-रात तैनात

    ट्यूकर बॉर्डर (Tukar border) पर मारकंडा नदी के पुल पर पुलिस का नाका अभी भी जस का तस है। यहां हरियाणा पुलिस और अर्ध सैनिक बल दिन रात तैनात है। किसान आंदोलन (Farmers Protest News) के शुरूआत में किसानों के सुर काफी विरोध में उठे थे। नाके पर किसानों का कई बार उग्र रूप देखने को मिला।

    किसान संख्या में पहले से कम

    अब शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर किसान संगठनों ने दिल्ली कूच पर ब्रेक लगाए हुए हैं। ऐसे में ट्यूकर बार्डर पर माहौल शांति के आलम में लिपटा हुआ है। यहां किसान संख्या में पहले से कम हो चले हैं। सवेरे किसान यहां बुलाकर जमा किए जाते हैं। दोपहर को आपस में राय मशविरा किया जाता है।

    किसान अपने अपने संगठनों के विचारों को साझा करते हैं। दिन ढलने के समय प्रभु सिमरन किया जाता है। इसके बाद अधिकांश किसान यहां से आसपास के गांवों की ओर रवानगी पकड़ लेते हैं। कई दिन से किसानों की यही दिनचर्या है।

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    पटियाला, संगरूर, नाभा, पांतड़ा जिलों के किसान यहां पहुंच कर किसानों का हौसला बढ़ाते हैं। अब दिल्ली कूच का कार्यक्रम 29 फरवरी तक टाला हुआ है। ऐसे में किसान फिलहाल विचार साझा करने में समय व्यतीत कर रहे हैं।

    साथ लगते गावों के रास्तों से आवाजाही जारी

    पिहोवा पटियाला रोड पर ट्यूकर बॉर्डर पर भले ही यातायात बंद है। मगर आसपास के गांवों से पंजाब आना जाना बदस्तूर जारी है। इन रास्तों पर अब किसी प्रकार की नाकाबंदी भी नहीं है। अब हालत यह है कि लोग भी इन मार्गों के ही आदि हो गए हैं।

    मुख्य मार्ग सुनसान हैं और लिंक मार्गों पर वाहनों का आवागमन है। पुलिस के तेवर कड़े और किसान नरम पड़े ट्यूकर बॉर्डर पर पुलिस पूरी तरह से चाक चौबंद है। पुलिस के तेवर कतई ढीले नहीं पड़े हैं। जबकि किसान नरम पड़ चुके हैं। वहीं किसानों का कहना है कि अब भाईचारे को प्रगाढ़ करना होगा।

    किसान संगठन भी मजदूर व किसान एकता को तरजीह देने लगे हैं। किसानों का कहना है कि इस समय खुद को मजबूत करना होगा ताकि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को सिरे चढ़ाया जा सके। वहीं पुलिस हालांकि गांवों से दूर हो गई है मगर नाके कड़े किए हुए हैं।

    प्रदेश के किसान शांत

    पंजाब बॉर्डर (Punjab Border) के हरियाणा (Haryana News) के गांवों के किसान पूरी तरह से शांत हो चले हैं। अधिकांश किसान किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं कर रहे। किसान अपने खेतों में कामकाज में मस्त हैं। इन किसानों का कहना है कि अगले महीने के पहले सप्ताह में आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में संशय के बादल अधिक गहराए हुए हैं। कुछ किसान नेता अवश्य सक्रिय चल रहे हैं।

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