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    डॉलर कमाने का सपना लेकर अमेरिका गया था कुरुक्षेत्र का युवक, अब बेड़ियों में लौटा देश

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 09:56 PM (IST)

    कुरुक्षेत्र के नयन आर्य बेहतर भविष्य के लिए 'डंकी रूट' से अमेरिका गए, पर धोखे और खतरों से भरी यात्रा के बाद खाली हाथ लौटे। एजेंट ने स्पेन में धोखा दिया, सर्बिया के जंगलों में नारकीय जीवन बिताया, और अमेरिका में जेल हुई। परिवार ने जमीन बेचकर 75 लाख रुपये खर्च किए, पर सब व्यर्थ गया। एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है।

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    डॉलर कमाने का सपना लेकर अमेरिका गया युवक बेड़ियों में लौटा।

    जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र। परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने और विदेश में बेहतर भविष्य की उम्मीद लेकर दो साल पहले गांव बारना निवासी युवक नयन आर्य उर्फ सोनू डंकी रूट से अमेरिका रवाना हुआ था। वहां तक पहुंचने की उसकी यात्रा दर्द, धोखे और खतरों से भरी रही। बेड़ियों में बांधे डिपोर्ट होने के बाद शनिवार रात जब वह अपने घर पहुंचा तो माता-पिता ने राहत की सांस ली, लेकिन बेटे के खाली हाथ लौट आने की पीड़ा उनके चेहरों पर साफ झलक रही थी।

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    सोनू ने बताया कि वर्ष 2023 में उसने एक एजेंट के भरोसे घर छोड़ा था, जिसने उसे सीधे अमेरिका पहुंचाने का वादा किया था। एजेंट ने उसे स्पेन में उतारकर धोखा दिया। इसके बाद उसे पैदल ही सर्बिया के जंगलों की ओर भेज दिया गया, जहां से उसकी असली परीक्षा शुरू हुई। वहां उसका पासपोर्ट, फोन और डॉलर छीन लिए गए। माइनस दो डिग्री तापमान में खंडहरों में छिपकर रातें काटनी पड़ती थीं। कई-कई दिनों तक उसे सिर्फ सूखी ब्रेड मिलती थी।

    सोनू के अनुसार, माफिया बंदूक लेकर हर वक्त उन पर नजर रखते और मामूली बात पर पीटते भी थे। कई बार उनके बीच फायरिंग होती थी, जिसमें जान जाने का खतरा बना रहता था। लगभग एक महीने बाद जब वह सर्बिया बार्डर पार करने की कोशिश कर रहा था, तब उसे गोलाबारी का सामना करना पड़ा। किसी तरह जान बचाते हुए वह आर्मेनिया पहुंचा, जहां पुलिस ने हिरासत में लेकर मारपीट की और बाद में रुपये लेकर छोड़ दिया।

    इसके बाद लंबी पैदल यात्राओं और लगातार संघर्ष के बाद करीब एक साल बाद वह आखिरकार अमेरिकी जमीन तक पहुंचा। अमेरिका में उसे पकड़कर कैंप में भेजा गया। किसी की मदद से उसने वकील किए, जिन्होंने उसे कैंप से बाहर निकलवाया और कुछ महीनों तक वह काम कर पाया, लेकिन छह महीने पहले उसके केस की तारीख रद हो गई। इसे नियमों के उल्लंघन के रूप में दर्ज करते हुए उसे जेल भेज दिया गया।
    18 नवंबर को उसके डिपोर्टेशन का आदेश आया और हाथ-पांव में बेड़ियां डालकर उसे फ्लाइट में बैठाया गया। दो दिन तक बेड़ियां नहीं खोली गईं और खाने में सिर्फ ब्रेड दी गई। 20 नवंबर को दिल्ली उतारने के बाद उससे पूछताछ की गई और फिर कुरुक्षेत्र भेज दिया गया, जहां वह शनिवार रात वह अपने घर पहुंचा।

    जमीन बेचकर भेजा था विदेश, 75 लाख लगाए

    सोनू के पिता सत्यवान बताते हैं कि बेटे के विदेश जाने के लिए उन्होंने दो एकड़ जमीन बेची थी और कुल मिलाकर लगभग 75 लाख रुपये खर्च हुए। उन्होंने कैथल के एक एजेंट पर 31 लाख रुपये लेकर धोखा देने का आरोप लगाया है। परिवार ने एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है और गुहार लगाई है कि उनके पैसे वापस दिलाए जाएं।