चावल के दाने पर नाम लिखवाने में उत्साह
जागरण संवाद केंद्र, कुरुक्षेत्र : गीता जयंती समारोह में ब्रह्मासरोवर तट पर लगे क्राफ्ट मेले में चावल के एक दाने पर अपना नाम लिखवाने के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इस चावल के दाने को पर्यटक अपने जीवन में अहम जगह देना चाहते है।
दिल्ली के लगभग 35 वर्षीय सुनील कुमार गुप्ता पिछले 20 सालों से चावल के एक दाने पर लाखों लोगों के नाम लिख चुके हैं। उन्होंने बताया कि ये उनका खानदानी काम है और हर साल वो गीता जयंती समारोह में भाग लेने के लिए विशेष तौर पर आते है। इसमें उनके साथ पूरा परिवार रहता है। उन्होंने बताया कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर सहित कई प्रदेशों में आयोजित मेलों में जाते है। इन मेलों में मुख्य रूप से लखनऊ महोत्सव, कानपुर का कृषि मेला, आगरा ताज फेस्टिवल, दिल्ली का ट्रेड फेयर, फरीदाबाद का सूरजकुंड और श्रीगंगानगर का विशाल मेला शामिल है। उन्होंने बताया कि चावल के दाने पर नाम लिखने में मात्र एक सैकेंड लगता है, सबसे पहले चावल के दाने पर प्रिंटिग ब्रुश और कैमल की स्याही से बड़े खूबसूरत तरीके से वो नाम लिखते है। इसके बाद उस चावल के दाने को वो एक लैंस पर चिपका कर छल्ले में डालकर ग्राहक को दे देते है। इसकी कीमत 30 रुपये है। उन्होंने बताया कि एक चावल के दाने पर 50 अक्षर वो लिख सकते है। यही नहीं कुछ समय पहले तो वे एक दाने पर 300 अक्षर लिख देते थे, लेकिन उनकी नजर अब कमजोर है, इसलिए अब कम अक्षर ही लिख पाते है।
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