Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रेत पीपल पर सूत बांध कर आत्मिक शांति के लिए की प्रार्थना

    By Edited By:
    Updated: Thu, 22 Mar 2012 12:13 AM (IST)

    पिहोवा, संवाद सहयोगी : चैत्र-चौदस मेले के दूसरे दिन सरस्वती तीर्थ पर आए हजारों श्रद्धालुओं ने स्नान कर अपने पितरों के निमित कर्म काड व पूजा पाठ किया। इसके बाद यात्रियों द्वारा प्रेत पीपल पर जल चढ़ाकर अपने पूर्वजों की आत्मिक शाति के लिए प्रार्थना की गई। मान्यता है कि प्रेत पीपल पर जल चढ़ाने से जहा पूर्वजों की आत्मा को अक्षय तृप्ति मिलती है, वहीं पूर्वज प्रेत योनि में न जाकर बैकुंठ को प्राप्त होते हैं। तीर्थ पुरोहित संदीप कुश ने बताया कि प्रेत पीपल पर सूत रूपी धागा लपेटने से भूत-प्रेत या भटकती हुई मृत आत्माओं को पीपल से बाध देने की मान्यता महाभारत काल से चली आ रही है। तीर्थ पुरोहित संदीप कुश ने बताया कि ऐसी भी मान्यता है कि जिन लोगों के पितर स्वपन में दिखाई देते हैं अथवा किसी प्रकार से तंग करते हैं, तो उन लोगो को प्रेत पीपल पर जल चढ़ाना व सूत बाधना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि प्रेत पीपल ब्रह्मा जी का रूप है। जल चढ़ाने का अर्थ है कि मृत पितरों को स्वर्ग की यात्रा के दौरान उन्हे प्यास न लगे वहीं सूत लपेटने का अर्थ है कि पितर सरस्वती तीर्थ पर ब्रह्मा जी के साथ बंधे रहे तथा उन्हे परेशान न करे। कुश ने बताया कि महाभारत काल में भी युधिष्ठिर ने भी अपने पूर्वजों व सगे संबंधियों की आत्मिक शाति हेतू प्रेत पीपल पर जल चढ़ाया व सूत लपेटा था। यहीं कारण है कि चैत्र-चौदस मेले में विभिन्न राज्यों से लाखों श्रद्धालु तीर्थ पर स्नान करने के बाद प्रेत पीपल पर जल चढ़ाना व सूत लपेटना नहीं भूलते।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर