ई वेस्ट दुनिया भर के पर्यावरणविदों के लिए सबसे बड़ी चुनौती : कुलपति
-पर्यावरण संस्थान की ओर शुरू किया पुनश्चर्या कार्यक्रम - 21 दिनों में 50 विशेषज्ञ देंगे व्यख्यान
-पर्यावरण संस्थान की ओर शुरू किया पुनश्चर्या कार्यक्रम
- 21 दिनों में 50 विशेषज्ञ देंगे व्यख्यान
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डीडीएस संधू ने कहा है कि ई वेस्ट दुनियाभर के पर्यावरणविदों व समाज के लिए आने वाले समय में सबसे बड़ी चुनौती होगा। समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान ई वेस्ट से होने वाला है। वे बृहस्पतिवार को कुवि के पर्यावरण अध्ययन संस्थान एवं अकादमिक स्टाफ कॉलेज की ओर से आयोजित पुनश्चर्या कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया में ग्लोबल वार्मिग, बढ़ती जनसंख्या सहित ऐसे अनेकों कारण हैं जिनके कारण पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान पहुच रहा है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के संसाधनों का जिस तरह से प्रयोग किया जा रहा है, उस दिशा में भी विचार कर, ऊर्जा के वैकल्पिक संसाधनों की दिशा में काम करने की जरूरत है, ताकि पर्यावरण को कम से कम नुकसान पहुचे। उन्होंने बताया कि व्यक्ति जैसे-जैसे पर्यावरण को नुकसान पहुचा रहा है उसी के कारण ही इबोला जैसी बीमारिया पैदा हो रही है जो पूरी मानवता के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि भारत में पर्यावरण वैज्ञानिक कई क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, लेकिन इस दिशा में अभी और अधिक काम करने की जरुरत है।
रिफ्रेशर कोर्स के उदघाटन से पूर्व विश्वविद्यालय के कुलपति ले. जनरल डॉ. डीडीएस संधू व रिफ्रेशर कोर्स में मुख्य वक्ता के रूप में आए गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर के पूर्व कुलपति डॉ. एसपी सिंह ने संयुक्त रूप से पौधा रोपण भी किया। मुख्य वक्ता ने कहा कि हम सबको जंगलों को महत्व देना होगा। भारत में विकास के नाम पर प्रतिदिन वृक्षों को काटा जा रहा है। अगर इस ओर ध्यान न दिया गया तो आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हमें रिसाइकिलिंग पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना होगा। गंदगी के कारण आज भारत की नदियों में बहाव की कमी है। गंगा को प्रदूषण रहित बनाने के लिए सालों से काम चल रहा है। विभाग की निदेशिका प्रोफेसर स्मिता चौधरी ने कहा कि पर्यावरण अध्ययन संस्थान में बृहस्पतिवार से शुरू हुए पुनश्चर्या कार्यक्रम में पर्यावरण विज्ञान के साथ-साथ इससे जुडे़ महत्वपूर्ण विषयों पर अगले 20 दिनों में देशभर के विषय विशेषज्ञ चर्चा करेगे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के लिए 50 से अधिक विशेषज्ञों को व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया है। एकेडमिक स्टाफ कालेज के निदेशक प्रोफेसर आर पी ग्रोवर ने प्रतिभागियों को यूजीसी के दिशानिर्देशों के बारे में बताया। इस मौके पर डॉ. श्याम कुमार, प्रो. आरएस यादव, प्रो. एनएन डोगरा, प्रो. शारदा रानी गुप्ता, प्रो. वीके गुप्ता व, प्रो. दिनेश अग्रवाल मौजूद रहे।
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