सुसंस्कार श्रेष्ठ शिक्षा से ही संभव : डॉ. अग्रवाल
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जागरण संवाद केंद्र, कुरुक्षेत्र : गुरुकुल में रविवार को मासिक वैदिक सत्संग का आयोजन किया गया। इसमें हृदय चिकित्सक डॉ. अजय अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने कहा कि सुसंस्कार श्रेष्ठ शिक्षा से ही संभव है। मनुष्य में शुभ और अशुभ दोनों प्रवृत्तियां होती हैं। सत्संगति मनुष्य के शुभ गुणों का निरंतर विकास करती है। इसके परिणाम स्वरूप अशुभ विचार अपने आप नष्ट होने लगते हैं। उन्होंने कहा कि जब हम अच्छे लोगों या विचारों के संपर्क में रहते हैं, तो हमारे व्यक्तित्व में सदगुणों का समावेश होने लगता है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि गुरुकुल के छात्रों ने अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है। उन्होंने समाज में वैदिक विचारों के प्रचार प्रसार हेतु गुरुकुल को 11000 रुपये दान स्वरुप दिए। गुरुकुल प्राचार्य देवव्रत आचार्य ने कहा कि आज संस्कारों के अभाव में समाज का नैतिक पतन हो रहा है। जिस पर अंकुश लगाना आवश्यक है। यदि समाज संस्कारित होगा, तो समाज में अशोभनीय घटनाएं नहीं होंगी। उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ विचारों से ही व्यक्ति समाज व देश का उत्थान होता है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक विचार वाला व्यक्ति ही जीवन में उन्नति करता है। आज समाज में अज्ञानता रूपी अंधकार व्याप्त है, जिसके कारण हमारी सोच नकारात्मक बनती जा रही है। आचार्य ने डॉ. अजय अग्रवाल को उपहार व समृतिचिह्न देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. प्रेमा अग्रवाल, दिलावर सिंह, शमशेर सिंह सागवान, डॉ. श्याम लाल शर्मा आदि मौजूद रहे।
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