हरियाणा में यमुना का कहर: 550 एकड़ में हुआ कटाव, फसलें तबाह होने से किसानों की निकली आह
करनाल के इंद्री में यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। 150 एकड़ से ज्यादा जमीन नदी में समा गई है जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। चौगावां और कलसौरा गांवों के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है जिनकी जमीन में पोपलर धान गन्ना और सब्जियां उगाई गई थीं। किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

संवाद सहयोगी, इंद्री (करनाल)। यमुना बेल्ट के किसानों को जीरी पकने के दिनों में अक्सर भारी नुकसान उठाना पड़ता है। वर्ष 2023 में हुए बाढ़ के नुकसान से किसान उभर नहीं पाए थे कि अब पिछले दिनों यमुना में जलस्तर बढ़ने के बाद भूमि कटाव शुरू हो गया और अबतक 150 एकड़ से ज्यादा जमीन में कटाव होना सामने आ रहा है।
ज्यादा कटाव चौगावां व कलसौरा गांव में यमुनापार व नबियाबाद आदि क्षेत्र में सामने आया है। जिन खेतों में भूमि कटाव हुआ है, उन खेतोंं में किसानों ने पोपलर, जीरी, ईख, सब्जी की फसल लगा रखी थी। चौगावां व कलसौरा गांव एरिया की बात करें तो इन दोनों गांव के यमुनापार एरिया में लगभग 100 एकड़ जमीन में कटाव हो गया।
यमुना में बाढ़ का पानी उतरने के बाद किसानों की फसल के साथ ही कृषि जमीन का बड़ा नुकसान हो रहा है। भूमि कटाव होने से सैंकड़ों एकड़ जमीन यमुना में समां गई और साथ ही यमुना क्षेत्र के जिन खेतों में पानी आ गया था, ऐसे अनेक खेत उबड़-खाबड़ भी हो चुके हैं। चौगावां, गढ़ीबीरबल, कलसौरा समेत अनेक किसानों की जमीन यमुनापार भी है। कई जगहों पर यमुनापार जमीन का ज्यादा नुकसान बता रहे हैं।
वर्ष 2023 में यमुना में आई बाढ़ के नुकसान से अभी तक भी किसान उभर नहीं पाए थे कि अब यमुना का जलस्तर बढऩे पर किसानों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ गया। पहले बाढ़ में किसानों के खेतों में काफी रेत, मिट्टी व दुड़ जम गई थी और अब जमीन यमुना में समां रही है।
चौगावां गांव के श्याम सिंह व निर्मल सिंह समेेत कई किसान ऐसे हैं जिनकी फसल समेत कई एकड़ जमीन यमुना की भेंट चढ़ गई है। भूमि कटाव होने से चौगावां व खूखनी समेत कई गांवों के किसानों का बड़ा नुकसान हो गया। भूमि कटाव के साथ ही बचे खेतों में अनेक खेतोंं में दुड़, मिट्टी जमी दिख रही है।
फिलहाल किसान अपने खेतों में कम ही जा पा रहे हैं, क्योंकि यमुनानदी में पानी बढ़ घट रहा है और किसानों को यमुनानगर के गुमथला राव की तरफ से लगभग 18-20 किलोमीटर से घूमकर अपने खेतों में यमुनापार जाना पड़ताहै।
12 एकड़ जमीन यमुना में समाई : श्याम सिंह
किसान श्याम सिंह का कहना है कि उनके साढ़े 12 एकड़ जमीन यमुनापार र्है। पिछले दिनों यमुना में पानी बढ़ने से काफी नुकसान हो गया। पानी उतरने के बाद भूमि कटाव शुरु हो गया और उनके 12 एकड़ में से सिर्फ डेढ़ एकड़ जमीन का टुकड़ा ही बच पाया, बाकी जमीन यमुना में समां गई।
उनके गांवों के किसानों की लगभग 50 एकड़ जमीन का कटाव हो गया और बचे अनेक खेतोंं में या तो पानी खड़ा या फिर मिट्टी व् दुड़ आदि जमी है। उसने बताया कि वर्ष 2023 में भी उनके खेतों का बड़ा नुकसान हो गया था। कई कई फीट रेत, मिट्टी व दुड़ खेत में जम गई थी। सरकार जल्द मुआवजा दे।
पंखा, बोरिंग व ईंजन समा गए यमुना नदी में
चौगावां के किसान निर्मल सिंह का कहना है कि उनके साढ़े 13 एकड़ जमीन यमुनापार है और उनके कई खेत यमुना मे गिर गए। पंखा, बोरिंग व ईजन भी यमुना में समां गए। पिछले दिनों यमुना में एकदम ज्यादा पानी आने पर खेतों में कुछ भी बचा नहीं पाए।
अभी खेतों में जा नहीं पा रहे हैंं। उनके करीब आठ-नौ एकड़ जमीन मेंं कटाव हो चुका है। बचे खेतों में रेत, मिट्टी व दुड़ भी पानी के साथ बहकर आई है। गुमथला की तरफ से करीब 18 किलोमीटर से घूमकर यमुनापार खेतों में जाना पड़ता है।
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