हरियाणा: लोन एप के जाल में फंसी महिला, अश्लील तस्वीरों से ब्लैकमेल कर ऐंठ लिए 50 लाख; सवाल के घेरे में DGP व पुलिस
करनाल की एक महिला ने हरियाणा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि इंस्टाग्राम पर लोन के विज्ञापन के जरिए उसे धोखा दिया गया और उसकी अश्लील तस्वीरें बनाकर उसे ब्लैकमेल किया गया जिससे उससे लगभग 50 लाख रुपये वसूले गए। महिला ने आत्महत्या का भी प्रयास किया था। कोर्ट ने पुलिस को जवाब देने को कहा है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। करनाल की रहने वाली एक महिला ने हरियाणा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में महिला ने दावा किया है कि उसे एक इंस्टाग्राम विज्ञापन के जरिए सस्ते लोन का झांसा देकर धोखा दिया गया और बाद में उसकी नकली अश्लील तस्वीरें के माध्यम से ब्लैकमेल कर लगभग 50 लाख रुपये ऐंठ लिए गए।
महिला के वकील प्रदीप शर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि वर्ष 2021 में महिला ने इंस्टाग्राम पर एक लोन ऐप का विज्ञापन देखकर ऐप डाउनलोड किया। ऐप ने उसके फोन की संपर्क सूची, आधार कार्ड और पैन कार्ड की परमीशन मांगी, जिसे महिला ने साझा कर दिया। शुरुआत में उसे 5,000 और 7,000 के दो छोटे लोन मिले, जिन्हें समय पर चुका दिया गया।
इसके बाद लोन ऐप से जुड़े लोगों ने व्हाट्सएप और काल के माध्यम से महिला को बार-बार धमकाना शुरू किया कि यदि वह और पैसे नहीं भेजेगी तो उसकी एडिट की हुई अश्लील तस्वीरें उसकी संपर्क सूची में मौजूद लोगों को भेज दी जाएंगी। डर के कारण उसने ने 50 लाख रुपये तक विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए।
जब उसने और पैसे भजेन से इनकार किया तो आरोपितों ने अंतत उनके परिवार और दोस्तों को उसकी नकली अश्लील तस्वीरें भेज दीं, तो महिला ने आत्महत्या की कोशिश की। उनके पति ने हस्तक्षेप कर उनकी जान बचाई।
इसके बाद दंपति ने करनाल के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। आरोपितों को गिरफ्तार करने के बजाय, पुलिस ने कथित तौर पर दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया और आरोपितों द्वारा पूनम को लौटाए गए धन में से 5 लाख रुपये ले लिए।
उनके अनुसार, आरोपित दो बार पुलिस स्टेशन आए और कथित समझौते के तहत उनके खाते में 30 लाख रुपये ट्रांसफर किए। याचिकाकर्ता ने दावा किया, इसके बावजूद, करनाल पुलिस ने 4 अगस्त, 2023 को एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की, जिसमें कहा गया कि आरोपित अज्ञात हैं और लौटाए गए धन या याचिकाकर्ता और उनके पति द्वारा हस्ताक्षरित समझौता पत्रों का कोई उल्लेख नहीं किया गया।
अपनी याचिका में उन्होंने 4 अगस्त, 2023 को करनाल के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के प्रभारी द्वारा दायर चालान को रद्द करने और जांच को एक स्वतंत्र एजेंसी या तो क्राइम ब्रांच, सीबीआई, या करनाल से अलग किसी अन्य जिला पुलिस इकाई को हरियाणा के डीजीपी की निगरानी में स्थानांतरित करने की मांग की है।
हाई कोर्ट के जस्टिस संजय वशिष्ठ ने मामले को 26 अगस्त के लिए निर्धारित करते हुए हरियाणा सरकार, डीजीपी और करनाल पुलिस को अगली सुनवाई से पहले याचिकाकर्ता के आरोपों पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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