Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हरियाणा सीमा में उत्तर प्रदेश के खनन माफिया ने करोड़ों रुपये की रेत निकाली, अब जांच कर रहे अधिकारी

    By Jagran NewsEdited By: Nidhi Vinodiya
    Updated: Tue, 30 May 2023 10:13 PM (IST)

    हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा पर करोड़ों रुपये की रेत खनन सवालों के घेरे में है। किसानों का आरोप है कि पड़ोसी राज्य के खनन ठेकेदार ने जबरन उनके खेतों में ...और पढ़ें

    Hero Image
    हरियाणा सीमा में उत्तर प्रदेश के खनन माफिया ने करोड़ों रुपये की रेत निकाली, अब जांच कर रहे अधिकारी

    घरौंडा (करनाल), संवाद सहयोगी : हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा पर करोड़ों रुपये की रेत खनन सवालों के घेरे में है। किसानों का आरोप है कि पड़ोसी राज्य के खनन ठेकेदार ने जबरन उनके खेतों में खनन किया है। इसकी शिकायत के बावजूद अधिकारियों ने कार्रवाई नहीं की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आरोप है कि करीब बीस एकड़ जमीन में दिन-रात रेत निकाली गई है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा है। इस बीच सीमा विवाद को लेकर दोनों पक्षों में तनातनी है। पूरे मामले की जांच करने के लिए पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे।

    UP व हरियाणा बाॅर्डर की जमीनों पर हो रहा रेत खनन

    उत्तर प्रदेश की सीमा से लगते हरियाणा के गांवों की जमीन में बीते करीब डेढ़ माह से रेत खनन किया जा रहा है। यमुना क्षेत्र के गांव लालूपुरा और केरवाली के किसानों का आरोप है कि उत्तर प्रदेश के खनन ठेकेदार जबरन उनके खेतों को खोद रहे हैं। किसानों की शिकायत पर जिला प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया।

    ऐसे में खनन ठेकेदार ने हरियाणा की भूमि से करोड़ों रुपये का रेत निकाल कर बेच दिया। किसानों की शिकायत का मामला दोनों प्रदेशों की सीमा विवाद में उलझ गया लेकिन निशानदेही के बाद किसानों के आरोप सही मिले। किसानों ने बताया कि जिस जमीन से रेत का खनन हुआ, वह मूलत: हरियाणा के किसानों की है।

    किसानों ने की अवैध खनन की शिकायत 

    मंगलवार को उपायुक्त अनीश यादव और एसडीएम अदिति विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ यमुना क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे तो किसानों ने उनके समक्ष भी एक बार फिर अवैध खनन की शिकायत की। डीसी के निर्देशों पर राजस्व विभाग, मधुबन पुलिस और खनन विभाग की टीमें माइनिंग स्थल पर पहुंची।

    इस दौरान हरियाणा के किसानों व उत्तर प्रदेश के खनन ठेकेदार के बीच तीखी बहस हुई। दोनों पक्षों ने खोदे गए खेतों को अपनी जमीन करार दिया जबकि निशानदेही की रिपोर्ट और मौके की जांच में खनन की गई जमीन हरियाणा के किसानों की पाई गई। किसानों ने बताया कि कई दिन से उनकी जमीन से रेत निकाला जा रहा था। प्रशासन के आने की सूचना मिलने के बाद खनन ठेकेदार ने मशीन मौके से हटा ली।

    पहले भी उभरे विवाद

    हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा विवाद के चलते यह पहला मौका नहीं है, जब हरियाणा के खेतों में इस प्रकार जबरन खनन हुआ हो। बीते वर्षों में कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पीड़ित किसानों का आरोप हैं कि शिकायत के बावजूद यूपी के ठेकेदार ने बीस एकड़ से अधिक भूमि से रेत का खनन किया। इस अवैध खनन से एक ओर किसानों की जमीन बर्बाद हो गई वहीं सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है। करोड़ों की माइनिंग को लेकर जिला प्रशासन भी सवालों के घेरे में है। किसानों ने इस खेल के पीछे अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप लगाए हैं।

    क्या कहते हैं अधिकारी

    एसडीएम अदिति के अनुसार गांव लालूपुरा के पास यमुना के इलाके में अवैध खनन किए जाने की सूचना मिली थी। तहसीलदार घरौंडा और माइनिंग अधिकारी मौके पर भेजे गए थे लेकिन जांच के बाद पता चला कि माइनिंग उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में हो रही है। लालूपुरा के समीप हरियाणा के क्षेत्र में भी कुछ माइनिंग होने की सूचना है, जिसकी अभी जांच की जा रही है।