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    करनाल से गंगोह के रास्ते सुगम होगी चार धाम यात्रा की राह

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 11 Mar 2022 11:30 PM (IST)

    जागरण संवाददाता करनाल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर कमल खिला। इनमें हरियाणा के ...और पढ़ें

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    करनाल से गंगोह के रास्ते सुगम होगी चार धाम यात्रा की राह

    जागरण संवाददाता, करनाल: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर कमल खिला। इनमें हरियाणा के करनाल के पड़ोसी जिले सहारनपुर की गंगोह सीट भी शामिल है, जहां लगातार दूसरी बार भाजपा प्रत्याशी कीरत सिंह को विजय हासिल हुई। वहीं, इस क्षेत्र की संसदीय सीट कैराना पर भी भाजपा के ही प्रदीप चौधरी काबिज हैं। इससे उम्मीद बंधी है कि अब जिले की सीमा से होकर दोनों राज्यों के बीच सार्वजनिक परिवहन सुविधा शुरू करने और जर्जर मार्ग की स्थित सुधारने करने की दिशा में तेजी से कदम उठाए जाएंगे।

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    उल्लेखनीय है कि हरियाणा के करनाल के घीड़ और शेरगढ़ सरीखे समीपवर्ती गांवों से गंगोह और आसपास के गांवों के बीच अर्से से रोटी-बेटी का नाता है। इस क्षेत्र में यमुना नदी पर पुल निर्माण की बहुप्रतीक्षित मांग तो पूरी हो चुकी है लेकिन दोनों राज्यों के बीच सार्वजनिक परिवहन सेवा अभी उपलब्ध नहीं है। करनाल सहित हिसार, हांसी व जींद तक के यात्रियों को इस सबसे छोटे मार्ग पर चलते हुए हरिद्वार, देहरादून, केदारनाथ, हेमकुंड साहिब जाने की सुविधा दरकार है। इन स्थानों से बड़ी संख्या में चार धाम यात्रियों का आवागमन रहता है। ऐसे में करनाल से घीड़-गंगोह मार्ग को चौड़ा बनाकर सीधा सहारनपुर बाइपास से जोड़ दिया जाए तो यात्रियों को अपेक्षाकृत सुविधाजनक रूट प्राप्त हो सकेगा। अब यह मांग नए सिरे से उठ रही है। फिलहाल यह रास्ता बेहतर हालत में नहीं होने के कारण यात्रियों को मजबूरन वाया यमुनानगर या पानीपत अपेक्षाकृत लंबा रास्ता तय करना पड़ता है।

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    पुल का नहीं मिल रहा फायदा

    काबिल-ए-गौर पहलू यह है कि इस मार्ग पर यमुना नदी का पुल काफी पहले तैयार होने के साथ ही आवागमन के लिए प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन दोनों ही राज्यों में इस पुल का लाभ सीमित रूप से ही मिल रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण करनाल व गंगोह के बीच सार्वजनिक परिवहन सेवा का अभाव है। कई बार इसकी मांग की जा चुकी है। दोनों राज्यों के बीच नौकरी या कारोबार के सिलसिले में प्रतिदिन आवागमन करने वाले लोगों को काफी दिक्कतों से जूझना पड़ता है। आलम यह है कि करनाल की दिशा में घीड़ गांव से लेकर शेरगढ़ टापू तक का मार्ग लंबे समय से खस्ताहाल है तो कमोबेश यही स्थिति उत्तर प्रदेश की दिशा में सहारनपुर जिले के दौलतपुर गांव से लेकर लखनौती तक है। गड्ढों की भरमार के बीच लोग इस सड़क पर मजबूरन सफर तो करते हैं लेकिन यह काफी मुश्किलों भरा साबित होता है।

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    सीएम से कर चुके मांग

    करनाल की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने इस बाबत मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र भी सौंपा था। इनमें एसएम कुमार, संदीप लाठर, रजनीश चोपड़ा, विनय कोहली, महेश शर्मा,डा. कृष्ण अरोड़ा, प्रीतपाल पन्नू, श्याम बत्रा, राजेश शर्मा, संजीव लखनपाल, मेघराज लूथरा आदि ने दोनों राज्यों के बीच आवागमन सुविधा बढ़ाने की मांग रखी थी।

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    नए समीकरण से जग रही उम्मीद

    एक तरफ जहां हरियाणा से सटी सहारनपुर की गंगोह व नकुड़ सीटों पर भाजपा को विजय हासिल हुई है वहीं, करनाल में पहले से भाजपा काबिज है। करनाल खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सीट है। ऐसे में माना जा रहा है कि नतीजों के बाद बने अनुकूल माहौल में नए सिरे से सिर उठा रही मांग पूरी करने की दिशा में जल्द कदम उठाए जाएंगे। समाजसेवी महर्षि बल्हारा ने बताया कि अन्य सामाजिक संगठनों के साथ जल्द इस संदर्भ में सीएम मनोहर लाल व सांसद संजय भाटिया के अलावा गंगोह के विधायक कीरत सिंह और कैराना के सांसद प्रदीप चौधरी को ज्ञापन देंगे।