हाईटेंशन की नहीं सताएगी टेंशन, हादसों पर लगेगा ब्रेक
जिले में 220 केवी केवी से ऊपर की 40 लाइनें व 11 केवी के 540 फीडर हैं जिनके नीचे हैं यह आशियाने जिन घरों बालकनी दीवारों या छज्जों के ऊपर या साइड से गुज ...और पढ़ें

प्रदीप शर्मा, करनाल
हाईवोल्टेज तारों से हादसे रोकने के लिए बिजली निगम ने कर्मचारियों व आम जनता के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें इन तारों पर सुरक्षा इंतजाम ध्यान रखने समेत इनसे उचित दूरी व ऊंचाई तक आशियानों को बचाने की सलाह दी गई है। ऐसा होता नहीं मिलता तो निगम कर्मियों के खिलाफ भी कार्यवाही हो सकती है। एसडीओ एफआइआर दर्ज करवाने तक के पाबंद रहेंगे और पुलिस को भी शिकायत दर्ज करानी होगी। निगम ने किया था अध्ययन
बिजली निगम के आंकड़े के मुताबिक 2018-19 व 2019-20 में करीब 20 हादसों का अध्ययन किया गया। इसमें मिला कि कुछ खामियों से हादसे हो रहे हैं, जिनमें सुधार की गुंजाइश है। अध्ययन में ये मिली थी खामियां
बिजली कर्मचारियों ने हाईटेंशन तार पर काम करते समय परमिट नहीं लिया था।
- सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग सही तरीके से न करना
- काम करते समय दोनों तरफ से अर्थिग न करना
- क्रॉसिग व डबल लाइनों की पहचान न करना या नजरअंदाज करना निगम अधिकारियों ने बनाए नए नियम
निगम अधिकारियों ने फील्ड कर्मचारियों के लिए के लिए नियम बनाए हैं। कुछ नियम आम जनता के लिए हैं। इनमें बिजली कर्मचारियों के लिए हाईटेंशन तारों पर मरम्मत का काम करने, रख-रखाव संबंधित एहतियात के साथ परमिट लेकर काम करने के आदेश जारी किए गए हैं। जनता के लिए जरूरी हिदायतें
आम जनता के लिए हाईटेंशन तारों के बिल्कुल नीचे या कम दूरी के भवनों से संबंधित हिस्सा हटाने के लिए कहा गया। नियमों की अवहेलना पर कानूनी कार्यवाही का प्रावधान है। जिन घरों व अवैध निर्माणों के ऊपर से या साइड से हाईटेंशन तारें गई हैं, उनकी पहचान कर निगम 15 दिन में नोटिस देगा। उनको निर्माण का संबंधित हिस्सा खुद हटाना होगा। ऐसा नहीं होने पर निगम कार्यवाही करेगा। निगम ने कुछ मानक भी तैयार किए हैं। नियमों के मुताबिक बिजली लाइन की कितनी दूरी
लाइन दूरी
33 केवी 3.7 मीटर वर्टीकल क्लीयरेंस
एक्सट्रा हाई वोल्टेज 3.7 मीटर प्लस एड 0.3 मीटर
11 केवी 1.2 मीटर होरीजेंटल क्लीयरेंस
11 केवी टू 33 केवी 2.0 मीटर सर्कुलर में ये दिशा-निर्देश
- एसडीओ ऑपरेशन ऐसी इमारतों की पहचान कर उन्हें नोटिस देंगे, जहां दुर्घटना का ज्यादा खतरा रहता है।
- 15 दिन में भवन मालिक को वह एरिया हटाना होगा, जहां से बिजली संपर्क होने की ज्यादा गुंजाइश है।
- एरिया न हटाने पर धारा-133 के तहत एफआइआर और संबंधित जगह दुर्घटना होने पर धारा 337 व 338 के तहत कार्यवाही होगी।
- पुलिस एफआइआर से मना करती है तो एसडीओ न्यायिक प्रक्रिया से इसे दर्ज कराएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से जारी निर्देश
हाईटेंशन तारों की चपेट में आने से अक्सर हादसे होते हैं। इनमें कभी बिजली कर्मचारियों को नुकसान होता है तो कभी आमजन को। निगम अधिकारियों ने सर्कुलर जारी किया है, जिसमें कर्मचारियों व आम जनता को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं। लक्ष्य है कि हाईटेंशन तारों की चपेट में आने से हादसे न हों।
धर्म सुहाग, कार्यकारी अभियंता बिजली निगम करनाल।

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