करनाल में प्रतिबंध का नहीं दिखा असर, अभी भी बिक रहा गुटका-तंबाकू
करनाल जिले में गुटका और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध बेअसर है क्योंकि इनकी अवैध बिक्री जारी है। दुकानदार तस्करी के माध्यम से उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित कर रहे हैं। जिले में कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है जिसका मुख्य कारण तंबाकू का सेवन है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सरकारी अस्पतालों में कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

जागरण संवाददाता, करनाल। जिले में हरियाणा सरकार की ओर से लागू की गई गुटका और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पाबंदी का असर दिखाई नहीं दे रहा है। दुकानों और खोखों पर प्रतिबंधित तंबाकू उत्पाद खुलेआम बेचे जा रहे हैं। हालांकि, यह उत्पाद बेच रहे लोगों में इस बात का डर जरूर है कि प्रशासन ने सख्ताई दिखाई तो उन्हें यह उत्पाद मिलने बंद हो जाएंगे।
लिहाजा कई दुकानदार अब ऐसे लोगों से भी संपर्क बनाने लगे हैं जो दूसरे राज्यों से तस्करी के माध्यम से यह उत्पाद पहुंचा सकते हैं। जिले में इस प्रतिबंध का असर कहीं पर भी दिखाई नहीं दे रहा है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार करनाल जिले में लगभग 700 कैंसर मरीज करवा रहे हैं। इसमें अधिकतर को कैंसर होने का कारण तंबाकू और गुटके के सेवन रहा है।
चिंताजनक बात यह भी है कि जिले में सरकारी स्तर पर कैंसर मरीजों के इलाज की सुविधा नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन मरीजों का पंजीकरण किया जाता है। ताकि इस पंजीकरण के माध्यम से हरियाणा रोडवेज की बस में निश्शुल्क सफर करके दूसरे शहर में जाकर अपना इलाज करवा सके। इसके अलावा शहर के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज व सरकारी अस्पताल में कैंसर का इलाज संभव नहीं है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि गुटका और तंबाकू के सेवन से कैंसर, फेफड़ों और मुंह से जुड़े रोगों की संभावना बढ़ जाती है। पाबंदी का उद्देश्य यही है कि लोग इन हानिकारक उत्पादों से दूर रहें, लेकिन अवैध बिक्री के कारण इसका असर सीमित रहा है। सख्ताई पर सक्रिय हो जाएगा उत्तरप्रदेश से तस्करी कनेक्शन प्रशासन की ओर से भले ही इन उत्पादों की बिक्री रोकने के लिए सख्ताई नहीं दिखाई गई हो, लेकिन इन उत्पादों की बिक्री करने वाले अपने अपने स्तर पर यह जरूर पता करते रहते हैं कि प्रशासन की ओर से कब छापामारी की जाएगी।
ताकि वह वह पहले ही संभल जाएं। इसके साथ ही वह उन लोगों से भी संपर्क बनाने में लगे हैं, जो उन्हें तस्करी के माध्यम से यह उत्पाद उपलब्ध करवा दे। ताकि वह चोरी-छिपे इन उत्पादों को बेचकर मुनाफा कमा सके। करनाल में इन उत्पादों की तस्करी उत्तरप्रदेश से होने की संभावना है। अभी तक नहीं हुई कहीं पर छापेमारी प्रतिबंध को असरदार बनाने के लिए प्रशासन भी अभी सुस्त है।
कहीं पर विशेष छापेमारी, दुकानों और खोखों की निगरानी को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। हालांकि विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि केवल पाबंदी लगाने से काम नहीं चलेगा। बल्कि लोगों में जागरूकता बढ़ाना, कैंसर और तंबाकू के हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षा देना और तंबाकू सेवन करने वालों को मदद उपलब्ध कराना भी जरूरी है।
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