रेलवे की तिमाही रिपोर्ट में करनाल-यमुनागर लाइन प्रोजेक्ट गायब
रेलवे विभाग की सर्वे रिपोर्ट में कैथल-मेरठ रेलवे लाइन का प्रोजेक्ट भी लापता सीएम ने 13 अगस्त 2

रेलवे विभाग की सर्वे रिपोर्ट में कैथल-मेरठ रेलवे लाइन का प्रोजेक्ट भी लापता
सीएम ने 13 अगस्त 2015 को ट्वीट कर करनाल से यमुनानगर रेललाइन जोड़ने के लिए बुनियादी स्तर पर प्रयास शुरू करने का किया था दावा जागरण संवाददाता, करनाल
रेल विभाग की तिमाही रिपोर्ट में करनाल-यमुनानगर और कैथल से मेरठ रेलवे लाइन प्रोजेक्ट गायब हैं। हालांकि वर्ष 2016 से लेकर जनवरी 2018 में इन दोनों प्रोजेक्टों को सिरे चढ़ाने के लिए सर्वे शुरू हो गया था। इन दोनों रेललाइन के लिए यात्रियों में एक खुशी का माहौल भी था कि इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाया जा रहा है। सबसे अहम बात तो यह है कि सीएम मनोहर लाल ने इन दोनों प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने की घोषणा भी की थी। 13 अगस्त 2015 को मुख्यमंत्री ने ट्वीट से घोषणा की थी कि करनाल से यमुनानगर रेललाइन को जोड़ने के लिए बुनियादी स्तर पर प्रयास शुरू किए जा चुके हैं। इस लाइन के बनने से यातायात की व्यवस्था और बेहतर होगी। सीएम का यह ट्वीट उस समय आया था जब रेलविभाग की ओर से इन लाइनों पर सर्वे शुरू किया था। यह सर्वे लगभग दो साल तक हुआ, लेकिन इसके बाद जब तिमाही रिपोर्ट आई तो उनमें इन दोनों प्रोजेक्ट को गायब कर दिया गया। तिमाही रिपोर्ट देखकर यात्रियों में रोष भी है कि उनकी जो मांग थी, वह अधूरी होती नजर आ रही है। करनाल-यमुनानगर रेललाइन से ये होगा फायदा
ये रेललाइन करनाल से इंद्री, लाडवा, रादौर होते हुए यमुनानगर तक पहुंचेगी। इस लाइन के तैयार होने से यमुनानगर भी सीधा दिल्ली रेल रूट से जुड़ जाएगा। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन करनाल-यमुनानगर रेललाइन के काम को अमलीजामा पहनाया जाता है। करनाल-यमुनानगर रेल लाइन की घोषणा साल 1998 में संसद में पेश किए रेल बजट में हुई थी। तब से अब तक कई बजट आए, लेकिन इस लाइन का जिक्र तक नहीं हुआ। 2015 के बजट में इसके सर्वे की घोषणा की गई। सर्वे के लिए कुछ बजट भी जारी किया था। आधा हो जाएगा ट्रांसपोर्टेशन खर्च
करनाल से यमुनानगर तक ट्रांसपोर्टेशन रेल से हो सकेगी। अब तक ट्रकों से ट्रांसपोर्टेशन होता है। रेलवे लाइन बिछ जाती है तो ट्रांसपोर्टेशन का खर्च आधा हो जाएगा। उद्योगपतियों की मानें तो करनाल-यमुनानगर लाइन बनने पर यमुनानगर सीधे दिल्ली रेल लाइन से जुड़ जाएगा। इससे व्यापारियों को बड़ा लाभ होगा। वहीं, प्लाईवुड के लिए भी कच्चा माल ट्रकों में लेकर आना पड़ता है। करनाल में बनने वाले एग्रीकल्चर इंप्लीमेंट आसानी से यमुनानगर पहुंचाए जा सकते हैं। इससे उनका ट्रांसपोर्टेशन का खर्च आधा हो जाएगा।

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