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    Karnal by-Election: हाई कोर्ट ने सरकार को दी बड़ी राहत, करनाल सीट पर उपचुनाव न कराने वाली याचिका रद्द

    पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले के बाद करनाल सीट पर होने वाले उपचुनाव (Karnal seat by-election) का रास्ता साफ हो गया है। बुधवार को कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी। दरअसल करनाल निवासी कुनाल ने एक याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि विधानसभा का कार्यकाल एक साल से भी कम का है। इसलिए इस सीट पर उपचुनाव न कराया जाए।

    By Monu Kumar Jha Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 03 Apr 2024 02:44 PM (IST)
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    Haryana News: करनाल सीट पर उपचुनाव न कराने वाली याचिका रद्द। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने हरियाणा सरकार को बड़ी राहत देते हुए करनाल विधानसभा सीट के लिए आयोजित होने वाले उपचुनाव को चुनौती देने वाली याचिका को रद्द कर दिया है। याचिका के रद्द होने के साथ ही अब उपचुनाव का रास्ता साफ हो गया है।

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     हाई कोर्ट ने अपना फैसला रखा था सुरक्षित 

    इससे पहले भारतीय चुनाव आयोग (ECI) द्वारा करनाल विधानसभा सीट (Karnal Assembly Seat) पर उपचुनाव कराने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस सुधीर सिंह व जस्टिस हर्ष बांगड पर आधारित बेंच ने याचिका पर सुनवाई की।

    करनाल निवासी कुनाल द्वारा दायर याचिका में कानून का हवाला देकर कहा गया कि आयोग उपचुनाव (Karnal by-Election) नहीं करा सकता, क्योंकि हरियाणा विधानसभा (Haryana Assembly) का कार्यकाल एक वर्ष से कम है। याचिका में भारतीय चुनाव आयोग को करनाल विधानसभा क्षेत्र के लिए जारी चुनाव कार्यक्रम को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है।

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    पूर्व सीएम मनोहर लाल के इस्तीफे देने से खाली हुई सीट

    करनाल विधानसभा सीट 13 मार्च को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) के इस्तीफे के कारण खाली हुई थी। हरियाणा में विधानसभा के आम चुनाव इस साल अक्टूबर में होने हैं। याचिकाकर्ता द्वारा चुनाव आयोग और हरियाणा सरकार को दी गई याचिका की अग्रिम प्रतियों के अनुसार, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151ए के प्रविधान (ए) के अवलोकन से पता चलता है कि यदि विधानसभा का कार्यकाल एक वर्ष से कम है तो आयोग के पास उपचुनाव कराने का कोई अधिकार नहीं है।

    याचिका में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि महाराष्ट्र के अकोला निर्वाचन क्षेत्र के उप चुनाव के बारे में चुनाव आयोग ने 15 मार्च को चुनाव कार्यक्रम घोषित किया था। आयोग के इस फैसले को बाम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

     चुनाव आयोग ने अकोला निर्वाचन क्षेत्र के संबंधित उपचुनाव को रोका

    हालांकि, कोर्ट ने चुनाव अधिसूचना को इस आधार पर रद कर दिया कि विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने में एक वर्ष से भी कम समय बचा है। बाम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के इस आदेश के बाद भारतीय चुनाव आयोग ने 27 मार्च को अकोला निर्वाचन क्षेत्र के संबंधित उपचुनाव को रोक दिया।

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