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    Karnal News: मेडिकल कॉलेज तो दूर मरीज को स्ट्रेचर तक नहीं मिला, इमरजेंसी गेट के बाहर युवक ने तोड़ा दम

    करनाल के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में इलाज और स्ट्रेचर की कमी के चलते एक घायल व्यक्ति ने इमरजेंसी के बाहर दम तोड़ दिया। समाजसेवी सत्यदेव शर्मा के अनुसार घायल को समय पर इलाज नहीं मिल पाया क्योंकि सुरक्षाकर्मी ने स्ट्रेचर देने से मना कर दिया और डॉक्टर ने भी लापरवाही दिखाई।

    By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 24 Aug 2025 02:07 PM (IST)
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    इमरजेंसी गेट के बाहर युवक ने तोड़ा दम। सांकेतिक फोटो

    जागरण संवाददाता, करनाल। कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज में न इलाज और ना ही स्ट्रेचर। यह आरोप एक समाजसेवी ने लगाए हैं। स्ट्रेचर और इलाज नहीं मिलने से एक व्यक्ति ने कालेज की इमरजेंसी के बाहर ही दम तोड़ दिया।

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    समाजसेवी सत्यदेव शर्मा ने बताया कि वह जीटी रोड से करनाल आ रहे थे। जब वह नीलोखेड़ी के समीप पहुंचे तो वहां पर जाम लगा हुआ था।

    सड़क पर एक व्यक्ति घायल अवस्था में पड़ा था। वह तुरंत उसे अपनी कार में कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कालेज लेकर आ गए ताकि समय पर उस व्यक्ति को इलाज मिल जाए और उसकी जान बच सके लेकिन मेडिकल कालेज में हालात उसकी सोच से परे थे।

    जब वह मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में पहुंचा तो उसने वहां के सुरक्षाकर्मी को कहा कि स्ट्रेचर ले आओ, एक घायल व्यक्ति कार में है। तो सुरक्षा कर्मी ने कहा कि यहां स्ट्रेचर ही नहीं है।

    जब उसने कहा कि वह मरीज को कार से उतारकर कैसे लाए, स्ट्रेचर तो होना चाहिए, यह सुनते ही सुरक्षाकर्मी बदतमीजी करने लगा। जब उसने मोबाइल निकालकर वीडियो बनानी चाही तो उसके मोबाइल पर हाथ मारकर नीचे गिरा दिया। इसके बाद जब वह डाक्टर के पास पहुंचा तो डाक्टर का जवाब सुनकर वह हैरान हो गया। डाक्टर ने कहा कि स्ट्रेचर पर मरीज का लाना उनका काम नहीं है।

    इन बातों में ही पांच से छह मिनट बीत गए। वह घायल मरीज कार में ही तड़पता रहा। इसके बाद जैसे तैसे वह मरीज को इमरजेंसी में ले गया तो वहां घायल ने दम तोड़ दिया। समाजसेवी का कहना है कि यदि उस घायल मरीज को समय पर इलाज मिल जाता तो वह बच सकता था।

    बाद में लाए तीन स्ट्रेचर घायल व्यक्ति की मौत के बाद मेडिकल कालेज के सुरक्षाकर्मी तीन स्ट्रेचर लेकर आए और इमरजेंसी के बाहर लगाए गए। इससे साफ है कि मेडिकल कालेज में बड़े स्तर की लापरवाही बरती जा रही है। यदि समय पर उस घायल व्यक्ति को स्ट्रेचर मिल जाता तो उसका समय पर इलाज हो सकता था। मृतक की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।