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    नष्ट हुई पाकिस्तान के पहले PM लियाकत अली खान की 4 हजार करोड़ की जमीन, हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से मांगा जवाब

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 09:44 PM (IST)

    पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के परिवार की 4 हजार करोड़ की जमीन के मामले में हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है। यह जमीन 1200 एकड़ में फैली है। आरोप है कि आजादी के बाद कुछ लोगों ने फर्जी वारिस बनकर जमीन भू-माफियाओं को बेच दी। शिकायतकर्ताओं ने सीबीआई जांच की मांग की है। अगली सुनवाई 12 जनवरी 2026 को होगी।

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    पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री की जमीन खुर्द-बुर्द करने मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, करनाल। पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के परिवार से जुड़ी 4 हजार करोड़ रुपये की 1200 एकड़ जमीन को खुर्द बुर्द करने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है।

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    हाईकोर्ट के न्यायधीश जेएस बेदी ने इस संबंध में हरियाणा के मुख्य सचिव, एसपी करनाल व एसएचओ इंद्री को नोटिस जारी किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 12 जनवरी 2026 को होगी।

    मामले से जुड़े अधिवक्ता रामकिशन ने बताया कि गांव डबकौली खुर्द के सोनू, धनप्रकाश, वेदप्रकाश, विष्णु, लखमीर, सतपाल सरपंच, विक्रम ने 4 मई 2022 को हरियाणा के तत्कालीन गृह मंत्री को शिकायत दी।

    इसमें आरोप लगाया गया था कि पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री लियाकत अली खान के चचेरे भाई शमशाद अली खान, इरशाद अली खान, ईजाज अली खान, मुमताज अली खान, ईमताल अली खान, जाहंगीर बेगम पत्नी लियाकत अली खान की यह विवादित जमीन थी, लेकिन आजादी के बाद ये सभी पाकिस्तान चले गए थे।

    वर्ष 1950 में इस जमीन को कस्टोडियन की जमीन घोषित कर दिया था। बकायदा 1951 में भारत सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया गया। बावजूद इसके उत्तर प्रदेश से कुछ लोग इस जमीन में लियाकत अली परिवार के फर्जी वारिस बन गए और आगे जमीन को दूसरे एक दर्जन से ज्यादा भू-माफियों को बेच दिया।

    शिकायतकर्ताओं द्वारा दी गई शिकायत में कुछ नेताओं, तत्कालीन उच्च अधिकारियों एवं कर्मचारियों, भू-माफियाओं आदि पर मिलीभगत कर जमीन में हिस्से अपने नाम भी करवाए जाने के आरोप लगाए गए थे।

    सीबीआई से जांच कराने की मांग

    शिकायकर्ताओं की ओर से केस में पैरवी करने वाले अधिवक्ता रामकिशन का कहना है कि वह भारत सरकार की संपत्ति को बचाने के प्रयास में लगे हुए हैं। ग्रामीण पिछले 20 साल से इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं। हमने इस मामले में सीबीआई से जांच कराने की मांग की है, ताकि भारत की जमीन बच सके और भू माफिया का कब्जा छुड़ाया जा सके।

    इंद्री के गांव डबकौली में हुआ था लियाकत अली का जन्म

    लियाकत अली खान का जन्म करनाल के इंद्री उपमंडल के डबकौली गांव में हुआ। उनके पिता नवाब रुकनुद्दौला बड़े जमींदार थे और ब्रिटिश सरकार से नवाबी उपाधि प्राप्त कर चुके थे। खान पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चले गए थे, जबकि जमींदारा उनके छोटे भाई उमरदराज अली खान संभालते थे, यह विवादित जमीन उमरदराज के ही नाम थी।

    ये है विवाद

    1935 में उमरदराज अली खान की मृत्यु के बाद उनकी करीब 1200 एकड़ भूमि का इंतकाल पांच पुत्रों नवाबजादा शमशाद अली खां, इरशाद अली खां, एजाज अली खां, मुमताज अली खां और इम्तियाज अली खां के नाम हुआ।

    1945-46 में आई बाढ़ के चलते डबकौली खुर्द गांव उजड़ गया और इसका रकबा यमुना नदी के बहाव के साथ उत्तर प्रदेश की ओर चला गया। आजादी के बाद उमरदराज अली खान के सभी संतानें पाकिस्तान चली गईं। बावजूद इसके कुछ फर्जी वारिशों ने जमीन लोगों को बेच दी।