Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Pahalgam Attack: '...तो बच जाती बेटे की जान', विनय नरवाल के पिता बोले- काश! मिल जाती सेना की NOC; इस वजह से गए कश्मीर

    By Jagran NewsEdited By: Sushil Kumar
    Updated: Thu, 24 Apr 2025 10:19 PM (IST)

    करनाल के सोमदत्त शर्मा की रिपोर्ट के अनुसार नौसेना से एनओसी मिलने में देरी के कारण एक नवविवाहित जोड़े का स्वीट्जरलैंड जाने का सपना अधूरा रह गया। इसके चलते उन्होंने पहलगाम की बैसरन घाटी जाने का फैसला किया जहाँ दुखद घटना घटी। विनय के पिता राजेश नरवाल ने बताया कि एनओसी के इंतजार में कश्मीर जाना पड़ा जहां आतंकी हमले में विनय की जान चली गई।

    Hero Image
    स्वीटजरलैंड जाने के लिए मिल जाती सेना की एनओसी तो बच जाती विनय की जान- पिता राजेश

    सोमदत्त शर्मा, करनाल। काश! स्वीट्जरलैंड जाने के लिए नौ सेना की समय पर एनओसी मिल जाती तो शायद बेटे की जान नहीं जाती। एनओसी मिलते ही दंपति को विदेश चले जाना था, लेकिन भगवान को मंजूर कुछ और ही था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सेना में होने के नाते विदेश जाने से पहले नौ सेना की एनओसी जरूरी थी, लेकिन जब एनओसी नहीं मिली तो विनय ने मिनी स्वीट्जरलैंड कहे जाने वाली पहलगाम की बैसरन की घाटी जाने का फैसला लिया था।

    वहां मौत पहले ही घात लगाए बैठी थी। विनय के पिता राजेश नरवाल ने पुष्टि की कि विनय और हिमांशी को स्वीट्जरलैंड जाना था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

    इस वजह से जाना पड़ा कश्मीर

    पिता राजेश नरवाल ने बताया कि विनय को घूमने का बहुत शौक था, इसलिए उन्होंने जन्नत कहे जाने वाले स्वीट्जरलैंड जाना का फैसला लिया था। परिवार के लोगों ने इस पर रजामंदी दे दी थी, लेकिन ऐन समय पर सेना की एनओसी नहीं मिल पाई, इसलिए वहां जाने का फैसला रद्द करना पड़ा।

    16 अप्रैल को शादी और 19 अप्रैल को रिसेप्शन के कार्यक्रम से फ्री होने के बाद स्वीट्जरलैंड नहीं जा पाए तो कश्मीर जाने का फैसला लिया। यहां पर माता के दरबार में मत्था टेककर नए जीवन की शुरुआत करनी थी, लेकिन इससे पहले ही जिंदगी का अंत हो गया।

    दोस्त के पास फोन आया, मुलाकात नसीब में नहीं

    विनय नरवाल के दोस्त करनाल के ही जम्मू में तैनात लेफ्टिनेंट वासू ने विनय के पिता से मुलाकात की और विनय के चित्र पर पुष्पांजली दे उनको श्रद्धांजलि दी। वासू ने बताया कि विनय ने जम्मू पहुंचकर उनको फोन किया था कि जल्द मिलते हैं।

    लेकिन अगले दिन शाम तक भी उसका फोन नहीं आया। इसी दौरान मीडिया में आतंकी हमले की सूचना आई और विनय की तस्वीर देखकर वह सन्न रह गया।