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Haryana News: खुशखबरी! हरियाणा के इस जिले में अब स्कूलों में होगा तीन बार ब्रेक, बढ़ती गर्मी और लू के कारण फैसला

देश के अलग-अलग राज्यों के साथ ही हरियाणा में भी अब दिनोंदिन बढ़ती गर्मी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। इसी के तहत प्रदेश के करनाल जिले में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी जिला मौलिक अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी के साथ स्कूल के चेयरमैन या प्रिंसिपल को एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें स्कूलों में तीन बार ब्रेक का जिक्र किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar Jha Tue, 07 May 2024 05:46 PM (IST)
Haryana News: खुशखबरी! हरियाणा के इस जिले में अब स्कूलों में होगा तीन बार ब्रेक, बढ़ती गर्मी और लू के कारण फैसला
Karnal News: अब स्कूलों में होगा तीन बार ब्रेक, बढ़ती गर्मी और लू के कारण फैसला। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, करनाल। लगातार बढते तापमान के चलते बच्चों को गर्मी और लू से बचाने के लिए सभी निजी व सरकारी स्कूलों में अब तीन बार ब्रेक होगा। इसके लिए सभी स्कूलों में तीन बार पीने के पानी और आराम करने के लिए तीन बार स्कूल की घंटी बजाई जाएगी, जिससे बच्चे समय-समय पर पानी सकें और शरीर में पानी की कमी की मात्रा पूरी रख सकें।

गर्मी के मौसम में सभी स्कूलों में विभाग की ओर से ओआरएस के पैकेट भी रखे जाएंगे। गर्मी या लू के असर से किसी बच्चे की तबीयत खराब न हो, इसके लिए अस्पताल से भी समन्वय रखा जाएगा। इस संदर्भ में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारियों, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों व स्कूल के मुखियाओं को पत्र प्राप्त हुआ है।

पत्र में जारी दिशा-निर्देशों में लिखा गया है कि इस मौसम में किसी भी विद्यार्थी को खुली धूप में न बिठाया जाए। वहीं किसी प्रकार का कार्यक्रम खुली धूप में न किया जाएं। इसके साथ ही विद्यार्थियों के पीने के लिए स्वच्छ पानी की समुचित व्यवस्था की जाए। गर्मी से बचाने के लिए स्कूल के सभी विद्यार्थियों को बैठाकर समझाया जाए और उन्हें पूरी सजगता से नियमों का पालन करने के लिए हिदायत दी जाए।

पत्र के अनुसार इसके साथ सभी शिक्षक भी इस प्रकार की आपात स्थिति निपटने के लिए फर्स्ट एड का प्रशिक्षण अवश्य प्राप्त करें। स्कूल की खिड़कियों को रिफलेक्टर जैसे एल्यूमीनियम, पन्नी और गत्ते आदि से ढककर रखें। ताकि बाहर की गर्मी कमरों में प्रवेश न कर सके और बच्चों की मौसमी प्रभाव से सुरक्षा बनी रहे।